सरकार के द्वारा समय पर धान अधिप्राप्ति क्रय केंद्र के नहीं खोले जाने से किसानों को बिचौलियों के हाथों धान बेचने को मजबूरी बनी हुई है. किसानों के खेत से बिचोलिया नगद रुपये का लोभ देकर जैसे तैसे दामों में बेचने को विवश हैं. बता दें कि किसानों के द्वारा धान की कटाई का कार्य अंतिम चरण और कई गांव में पूरा हो गया है. वहीं किसानों का धान बिक्री के लिए सरकारी पैक्सों को नहीं खुलने से उन्हें परेशानी हो रही है. किसानों का कहना है कि सरकार हर साल समय पर धान क्रय केंद्र 15 दिसंबर के बाद खोलती है. जिसका नतीजा है कि धान खरीदारी करने वाले लोग खेत में पहुचकर धान की खरीदारी कर लेते हैं. जो औने-पौने दाम में बेचना पड़ता है. अभी भी 12 दिन बाद ही सरकारी स्तर पर धान क्रय केंद्र खुलना है. इस बाबत मुंडरो गांव के जगदीश महतो ने बताया कि इलाके में आधे से अधिक धान की कटाई और सभी कार्य पूरे हो चुके हैं. लेकिन सरकार अभी तक इसकी खरीदारी के लिए कोई पहल नहीं कर रही है. जिससे किसानों को परेशानी हो रही है. वहीं किसान उमेश कुमार ने बताया कि इस वर्ष धान की अच्छी फसल हुई है. अगर बेमौसम बारिश न हो तो किसानों को मुनाफ़ा मिलेगा. साथ ही समय पर धान अधिप्राप्ति केंद्र में खरीदारी शुरू हो जाए तो किसानों का मेहनत भी रंग लायेगी.
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