हरलाडीह और सिमरकोढ़ी पंचायत के ग्रामीणों ने पीरटांड़ पुलिस पर मारपीट करने, झूठा मुकदमा में फंसा देने और अवैध राशि उगाही करने का आरोप लगाया है. इस संबंध में ग्रामीणों ने डुमरी के एसडीपीओ को लिखित शिकायत देकर मामले की जांच करने और दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. बताया है कि थाना में लाकर उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित किया गया और अवैध रकम की मांग की गयी. पानी मांगने पर पानी नहीं दिया, हाजत में बंद कर उनके साथ मारपीट की गयी और नक्सली कांड में फंसा देने की धमकियां भी दी गयी.
क्या है पूरा मामला और ग्रामीणों का आरोप
घटना को लेकर शाबीर अंसारी ने बताया कि सोमवार की शाम को पीरटांड़ थाना इलाके के बिशनपुर टावर चौक के पास पुलिस द्वारा बालू लदे एक ट्रैक्टर को पकड़ा गया. ड्राइवर की सूचना पर हरलाडीह के डेगलाल महतो की कार लेकर डेगलाल के साथ अहमद अंसारी, लतीफ अंसारी और मुस्कान तुरी बिशनपुर पहुंचे. जहां पुलिस ने उनलोगों को घेर लिया और फिर जमकर पिटाई कर दी. इसके बाद सभी को थाना लाया गया. इस दौरान सभी को नक्सली केस में जेल भेजने की धमकी भी दी गई. बताया कि मंगलवार की सुबह उनलोगों को दो सिपाहियों से मिलने के लिए कहा गया. जब उनदोनों सिपाहियों से बातचीत की गयी तो सभी को छोड़ने के लिए उनलोगों से ढाई लाख रुपये की मांग की गयी. मांग के बाद उनलोगों ने किसी तरह एक लाख 15 हजार रुपये सिपाही को दिया है. बताया कि इसमें से 65 हजार रुपये नगद सिपाही को दिया, बाकी रकम उसके कहने पर एक मोबाइल दुकान और सरकारी शराब दुकान में ऑनलाइन से भुगतान किया है. इस संबंध में सिमरकोढ़ी पंचायत के मुखिया पति मो युसूफ अंसारी के अलावा अशोक हेम्ब्रम एवं ताज हुसैन ने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही वसूले गये रिश्वत को वापस दिलाने की मांग की है.
आरोप बेबुनियाद : थाना प्रभारी
इधर पीरटांड़ के थाना प्रभारी गौतम कुमार ने सभी आरोप को बेबुनियाद बताया. उनका कहना है कि सोमवार की शाम को सूचना मिली थी कि क्षेत्र का बालू डंप किया गया है. इस सूचना पर गश्ती दल क्षेत्र का दौरा करने गये थे. गश्ती दल के द्वारा यह जानकारी दी गई कि उन्हें कुछ लोगों द्वारा घेर लिया है और पथराव किया जा रहा है. इस सूचना पर वे भी पहुंचे और इन पांचों को थाना लाया गया. यहां पर पता चला कि ये लोग बालू का अवैध कार्य करते हैं. किसी पर आपराधिक इतिहास नहीं है. ऐसे में सभी को दूसरे दिन छोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि पैसा लेने का आरोप गलत है. मुकदमे में फंसाने की भी धमकी नहीं दी गई है.
मामले की होगी जांच : एसडीपीओ
एसडीपीओ सुमित प्रसाद ने कहा कि पुलिस द्वारा मारपीट व अवैध पैसे मांगने की शिकायत मिली है. कहा कि मामले की जांच की जायेगी. जांच के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी.
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