Giridih News: सिखों के चौथे गुरु रामदास जी का प्रकाशोत्सव धूमधाम से मना

Giridih News: स्थानीय रागी जत्था में शामिल भाई हरप्रीत सिंह व भाई प्रिंस सिंह ने शबद कीर्तन प्रस्तुत किया, जिसे सुनकर सात संगत निहाल हो गयी. रागी जत्था ने भूलहि चूकहि बारिक ते, हरि पिता माया तेरे भरोसे पिआरे मैं लाड लड़ाया... समेत अन्य कीर्तन प्रस्तुत किया. गुरु सिंह सभा के पूर्व प्रधान डॉ अमरजीत सिंह सलूजा ने बताया कि गुरु रामदास जी ने ही रामदासपुर की स्थापना की थी, जो आज अमृतसर स्वर्ण मंदिर के नाम से प्रख्यात है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 21, 2024 12:52 AM

धन धन गुरु राम दास जिन सिरिआ तिनै सवारिआ, सबना का मां पियो आप है… समेत कई शबद कीर्तन से संगत निहाल हो गयी. मौका था सिखों के चौथे गुरु रामदासजी के 489वें प्रकाशोत्सव का. इस दौरान गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में बड़े ही भक्ति भाव धूमधाम तरीके से प्रकाश पर्व मनाया गया. स्थानीय रागी जत्था में शामिल भाई हरप्रीत सिंह व भाई प्रिंस सिंह ने शबद कीर्तन प्रस्तुत किया, जिसे सुनकर सात संगत निहाल हो गयी. रागी जत्था ने भूलहि चूकहि बारिक ते, हरि पिता माया तेरे भरोसे पिआरे मैं लाड लड़ाया… समेत अन्य कीर्तन प्रस्तुत किया. गुरु सिंह सभा के पूर्व प्रधान डॉ अमरजीत सिंह सलूजा ने बताया कि गुरु रामदास जी ने ही रामदासपुर की स्थापना की थी, जो आज अमृतसर स्वर्ण मंदिर के नाम से प्रख्यात है. उन्होंने 30 रागों में 638 रचनाएं लिखी. गुरु रामदासजी ने अंधविश्वास, जाति प्रथा व कुरीतियों का विरोध किया. उन्होंने बताया कि गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व को लेकर सात दिनों तक सहज पाठ का आयोजन किया गया था, जिसका समापन रविवार को हुआ. समाप्ति के पश्चात अरदास व लंगर हुआ. लंगर की सेवा सरदार देवेंद्र पाल सिंह टूटेजा व सैंकी टूटेजा ने की. मौके पर गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा के सचिव नरेंद्र सिंह सम्मी, उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह सलूजा, सरदार अमरजीत सिंह सलूजा, पूर्व प्रधान देवेंद्र सिंह, सतविंदर सिंह सलूजा, तरणजीत सिंह सलूजा, गुरदीप सिंह बग्गा, राजू चावला, रोबिन चावला, ऋषि चावला, राजेंद्र सिंह, परमजीत सिंह कालू, देवेंद्रपाल सिंह समेत सिख समाज के कई महिला-पुरूष व बच्चे मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version