Giridih News: तीन शिक्षकों के भरोसे चल रहा है उउवि बरमसिया

Giridih News: गावां प्रखंड की अमतरो पंचायत स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय बरमसिया मात्र तीन शिक्षकों के भरोसे संचालित किया जा रहा है. उक्त विद्यालय प्रखंड मुख्यालय से लगभग 15 किमी दूर सुदूर पहाड़ी व जंगली क्षेत्र में स्थित है. यहां पहली से दसवीं तक लगभग 500 से अधिक छात्र-छात्राएं नामांकित हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | November 26, 2024 10:44 PM

गावां प्रखंड की अमतरो पंचायत स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय बरमसिया मात्र तीन शिक्षकों के भरोसे संचालित किया जा रहा है. उक्त विद्यालय प्रखंड मुख्यालय से लगभग 15 किमी दूर सुदूर पहाड़ी व जंगली क्षेत्र में स्थित है. यहां पहली से दसवीं तक लगभग 500 से अधिक छात्र-छात्राएं नामांकित हैं.

तीन में एक ही शिक्षक पर कक्षा संचालन का भार : आदिवासी बहुल यह इलाका एक दशक पूर्व तक उग्रवाद की चपेट में था. यहां के लोगों ने उग्रवाद का जमकर विरोध किया था. विद्यालय के बगल में पुलिस पिकेट स्थापित है. इस समय क्षेत्र में पूर्ण शांति है. विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रेम कु सिंह को विभागीय बैठकों समेत कार्यालय व अन्य कार्य देखना पड़ता है. यहां पदस्थापित शिक्षक देवेंद्र कुमार सिंह को गंभीर दृष्टिदोष है. इसलिए वह कक्षा लेने में अक्षम हैं. मात्र एक शिक्षक के लिए दसवीं तक की कक्षा लेना संभव नहीं है.

प्रतिनियुक्ति ने शैक्षिक व्यवस्था बिगाड़ दी :

विद्यालय महज कागजी खानापूर्ति का माध्यम बनकर रह गया है. विद्यालय में कक्षा संचालन नहीं होने से छात्र-छात्राएं विद्यालय जाने से परहेज करते हैं. यहां नामांकित अधिकांश बच्चों के अभिभावक गावां आदि में रखकर बच्चों को कोचिंग सेंटर में पढ़ाते हैं. ऐसे में निर्धन बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है. यहां संचालित प्राइमरी स्तर की कक्षाएं मात्र मध्याह्न भोजन तक सीमित होकर रह गयी हैं. विद्यालय में पांच शिक्षकों का पदस्थापन किया गया था, पर विद्यालय में शिक्षकों की कमी के बावजूद तीन शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति अन्यत्र कर दी गयी है. शिक्षकों के अन्यत्र प्रतिनियुक्त होने से विद्यालय की शैक्षिक व्यवस्था चरमरा गयी है.

जर्जर भवन में संचालित हो रहा है विद्यालय

विद्यालय उच्च विद्यालय में उत्क्रमित तो कर दिया गया है, पर भवन निर्माण नहीं होने से विद्यालय का संचालन पुराने जीर्ण-शीर्ण भवन में हो रहा है. भवन की ढलाई व फर्श पूरी तरह जर्जर है. ढलाई भी टूटकर झड़कर गिरती रहती है. कमरों के दरवाजे-खिड़कियां आदि भी नष्ट हो रही है.

क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि

विद्यालय में अधिकांश छात्र-छात्राएं अनुसूचित जनजाति के हैं. शिक्षकों की कमी के बाद भी शिक्षकों की अन्यत्र प्रतिनियुक्ति स्कूल के साथ सरासर अन्याय है. विद्यालय में शीघ्र ही शिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए. मामले को लेकर जनांदोलन किया जायेगा. – पवन चौधरी, जिप सदस्य

यह इलाका काफी पिछड़ा है. प्रखंड मुख्यालय से दूर होने के कारण विद्यालय का उत्क्रमण किया गया. शिक्षकों की कमी के कारण यहां के बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है. क्षेत्र के सांसद-विधायक को इस दिशा में पहल करनी चाहिए. – ललिता देवी, प्रखंड प्रमुखI

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