देवरी अंचल के चिकनाडीह गांव निवासी पिंटू यादव की पत्नी सीमा देवी (26) की मौत के बाद मृतक के परिजन ने सोमवार को हीरोडीह थाना क्षेत्र के मंडरो में संचालित गायत्री नर्सिंग होम पर पहुंचकर हंगामा किया. विवाहिता की मौत हो जाने की जानकारी मिलते ही अस्पताल के संचालक, चिकित्सक व अन्य कर्मी नर्सिंग होम में ताला लगाकर फरार हो गए थे. मृतका के पति पिंटू पंडित, पिता परमेश्वर पंडित, मां टुकनी देवी का कहना है कि गायत्री नर्सिंग के संचालक व चिकित्सक की लापरवाही की वजह से सीमा की मौत हो गयी.
मृतका के पति पिंटू पंडित ने बताया कि वह पत्नी व बच्चों के साथ भेलवाघाटी थाना क्षेत्र के पिपराडीह स्थित ससुराल में रहता था. चार अगस्त को प्रसव पीड़ा के बाद अपनी पत्नी को अस्पताल ले जा रहा था. जिस वाहन से जा रहा था, उक्त वाहन के चालक की सलाह पर पत्नी सीमा देवी को प्रसव के लिए मंडरो स्थित गायत्री नर्सिंग होम में भरती करवा दिया. यहां पर चार अगस्त को ही ऑपरेशन के बाद बच्ची का जन्म हुआ. बच्ची की स्थिति ठीक नहीं रहने की जानकारी देकर बच्ची को देवघर रेफर कर दिया गया. इसी बीच नर्सिंग होम में इलाजरत सीमा देवी का पेट फूलने लगा और तबियत बिगड़ने लगी. 22 अगस्त को चेकअप करवाने की बात बताकर गायत्री नर्सिंग होम के संचालक रांची स्थित अस्पताल ले गए. यहां पर ऑपरेशन करवाया गया. इसके बाद भी सेहत में सुधार नहीं होने पर धनबाद स्थित अस्पताल में भर्ती करवा दिया. यहां फिर से ऑपरेशन करवाया गया. इलाज के क्रम में सोमवार की सुबह में सीमा की मौत हो गयी. पिंटू पंडित का आरोप है कि पहले लापरवाही बरतने के वजह से उसकी पत्नी की तबियत बिगड़ गयी. फिर जांच व ऑपरेशन के नाम पर अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती करवाने गायत्री नर्सिंग होम के संचालक चिकित्सक ने साजिश रचकर सीमा देवी का किडनी निकलवा ली.मृतका के पति का कहना है कि प्रसव के दौरान हुए ऑपरेशन में लापरवाही व किडनी निकलवा लिए जाने की वजह से सीमा की मौत हो गयी. इधर विवाहिता की मौत की सूचना पर जिला परिषद सदस्य उस्मान अंसारी, विजय पांडेय, पूर्व मुखिया रामेश्वर सिंह, भाकपा माले के मुस्तकीम अंसारी, अजय चौधरी, कैलाश पंडित, सुरेंद्र सिंह, मंडरो पहुंचकर पीड़ित परिवार से घटना की जानकारी ली.
चिकित्सक की लापरवाही से हुई विवाहिता की मौत : जिप सदस्य
जिला परिषद सदस्य उस्मान अंसारी ने कहा कि नर्सिंग होम के चिकित्सक की लापरवाही की वजह से विवाहिता की मौत हो गयी. नर्सिंग होम के संचालक व चिकित्सक ने अपनी लापरवाही को छिपाने के लिए पीड़िता को रांची व धनबाद के अस्पताल में भर्ती करवाया. जिप सदस्य विजय पांडेय ने कहा कि क्षेत्र में दर्जनों अवैध क्लिनिक संचालित हो रहे हैं. अवैध क्लिनिक के संचालक व क्लिनिक संचालक को संरक्षण देने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
मुआवजे के आश्वासन पर समझौता, पुलिस को बिना आवेदन दिए लौटे परिजन
इधर परिजनों व जनप्रतिनिधियों के विरोध के बाद अस्पताल प्रबंधन के द्वारा पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के आश्वासन पर समझौता कर मामले को रफा दफा कर दिया गया. घटना की सूचना पर हीरोडीह के थाना के पुलिस पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे लेकिन पीड़ित परिवार के सदस्य आवेदन दिए बिना ही शव को लेकर चले गए. हीरोडीह के थाना प्रभारी धर्मेंद्र अग्रवाल ने बताया कि विवाहिता की मौत के मामले में किसी प्रकार का आवेदन नहीं दिया गया. आवेदन मिलने पर जांच पड़ताल की जाएगी.
वैध तरीके से हो रहा नर्सिंग होम का संचालन : संचालक
मामले को लेकर अस्पताल के संचालक प्रदीप यादव ने बताया कि प्रसव के लिए महिला को नर्सिंग होम में भर्ती करवाया गया था. प्रसव के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया. डिस्चार्ज होने के बाद घर जाने के बाद क्या हुआ, इसकी जानकारी नहीं है. लोग बेवजह हंगामा कर रहे हैं. कहा कि नर्सिंग होम वैध तरीके से संचालित किया जा रहा है. इधर देवरी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि संबंधित एएनएम व सहिया व नर्सिंग होम के संचालक से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है