Giridih News: पुलिस पिकेट हटाने से नाराज ग्रामीणों ने किया रोड जाम
Giridih News: पूर्व पंसस संतोष मरांडी ने बताया कि वर्ष 2004 में नक्सलियों व व हुड़दंगियों से निपटने के लिए जमडार पिकेट का निर्माण करवाया गया था. लेकिन, सोमवार को बिना किसी सूचना के अचानक यहां के पिकेट से सभी पुलिस कर्मी चले गये. इससे लोग काफी भयभीत है. ग्रामीणों में काफी आक्रोश का भी है.
गिरिडीह के गावां थाना क्षेत्र के जमडार पुलिस पिकेट को सोमवार को खाली कर दिया गया. जवान यहां से चले गये हैं. इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने बुधवार को जमडार पिकेट के समीप पटना-बलहरा मेन रोड़ को जाम कर दिया. साथ ही पिकेट को पुनः चालू करवाने का मांग करने लगे. इस संबंध में पूर्व पंसस संतोष मरांडी ने बताया कि वर्ष 2004 में नक्सलियों व व हुड़दंगियों से निपटने के लिए जमडार पिकेट का निर्माण करवाया गया था. लेकिन, सोमवार को बिना किसी सूचना के अचानक यहां के पिकेट से सभी पुलिस कर्मी चले गये. इससे लोग काफी भयभीत है. ग्रामीणों में काफी आक्रोश का भी है. उन्होंने स्थानीय प्रशासन से पिकेट पुनः चालू करवाने का मांग की. कहा कि यदि पुलिस पिकेट को पुनः नहीं खोला गया, तो ग्रामीण गिरिडीह-कोडरमा मुख्य सड़क को बल्हारा चौक के पास जाम करेंगे. वहीं, कांग्रेस नेता मरगूब आलम ने भी पिकेट हटाने को गलत बताया. समाजसेवी अर्जुन शर्मा ने कहा है कि जमडार पूर्व से ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहा है. यहां से गावां थाना की दूरी 10 किमी से अधिक है. पिकेट के बगल में विद्यालय भी है. पिकेट के अचानक बंद हो जाने से लोगों में काफी भय और आक्रोश का माहौल है. पहले यहां लोगों का आवागमन काफी दुर्गम था. वह भय का माहौल में रहते था. वर्ष 2004 से पहले क्षेत्र में नक्सलियों का उत्पात चरम पर था. तत्कालीन विधायक सांसद की पहल पर पिकेट का निर्माण करवाया गया था. इसके बाद लोग अमन चैन से रह रहे थे. पिकेट हटाने से लोग लोगों में भय का माहौल है. सड़क जाम की सूचना मिलते ही गावां थाना प्रभारी महेश चंद्र सदल-बल पहुंचे और लोगों को पिकेट पुनः चालू करवाने का प्रयास करने का आश्वासन दिया. इसके बाद लोगों ने सड़क जाम हटाया. जाम के कारण वाहनों की आवाजाही ठप रही.
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