न्यू पुलिस लाइन में सोमवार को पुलिस संस्मरण दिवस मनाया गया. मौके पर एसपी डॉ विमल कुमार, एसडीपीओ जितवाहन उरांव, डीएसपी प्रथम नवीन कुमार, डीएसपी द्वितीय कौशर अली मुख्य रूप से उपस्थित थे. पुलिस संस्मरण दिवस को संबोधित करते हुए एसपी डॉ विमल कुमार ने कहा कि आज ही के दिन भारत में हर साल 21 अक्तूबर को पुलिस संस्मरण दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष भारत 63वां पुलिस संस्मरण दिवस मना रहा है. वर्ष 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में सीमा की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ की तीसरी बटालियन के जांबाज सैनिकों के एक छोटे से गश्ती दल पर चीनी सेना ने घात लगाकर हमला किया गया था. लेकिन, हमारे जवानों ने बहादुरी से डटकर चीनी सैनिकों का सामना किया. इस हमले में हमारे 10 सीआरपीएफ के जांबाज जवानों ने अपने प्राणों की आहूति दी थी और ज्यादातर जवान घायल हो गये थे. सात की हालत गंभीर थी. चीनी सैनिकों ने गंभीर रूप से घायल जवानों को बंदी बनाकर अपने साथ ले गयी. वहीं, अन्य जवान वहां से किसी तरह निकलने में सफल हुए. इस टुकड़ी का नेतृत्व करम सिंह कर रहे थे. इस घटना के बाद 13 नवंबर 1959 को शहीद हुए 10 पुलिस कर्मियों के पार्थिव शरीर को चीनी सैनिकों ने लौटा दिया था. भारतीय सेना ने उन 10 जवानों का अंतिम संस्कार हॉट स्प्रिंग्स में पूरे पुलिस सम्मान के साथ किया. इन्हीं शहीदों के सम्मान में हर साल 21 अक्तूबर को पुलिस संस्मरण दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष कर्तव्य का निर्वहन करते हुए भारत वर्ष में 216 पुलिस व अर्द्ध-सैनिक बलों के जवान तथा पदाधिकारी शहीद हुए हैं, जिसमें झारखंड के हवलदार चौहान हेंब्रम, आरक्षी सिकंदर सिंह, आरक्षी सुकन राम, आरक्षी रामदेव महतो शामिल हैं. इस दौरान गिरिडीह जिले के कर्तव्य के दौरान शहीद हुए तमाम जांबाज पुलिस कर्मियों के प्रति संवेदना प्रकट की गयी. पुलिस संस्मरण दिवस के अवसर पर इस जिले से शहीद साथियों के परिजनों को सम्मान दिया गया. मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक अभियान सुरजीत कुमार, पुलिस उपाधीक्षक आईआरबी अनूप बी केरकेट्टा, पुलिस उपाधीक्षक आइआरबी बेंडिक मरांडी, परिक्ष्यमान पुलिस उपाधीक्षक कैलाश प्रसाद महतो व नीलम कुजूर आदि मौजूद थे.
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