अद्भुत प्राकृतिक छटा को देखने व इसके बीच समय बिताना सभी को पसंद है. कल-कल बहती बराकर नदी तट पर पिकनिक मनाने और दोस्तों की मस्ती करने का अपना अलग मजा है. बराकर नदी तट पर भगवान शंकर का काफी पुराना मंदिर है. यहां भगवान भोलेनाथ का मंदिर है. यहां से थोड़ी दूर बराकर नदी उत्तरवाहिनी है. उत्तरवाहिनी नदी में स्नान कर भगवान भोलेनाथ को जलार्पण करने के लिए लोगों की काफी भीड़ रहती है. बड़ी-बड़ी चट्टानों के पत्थरों से चूल्हा बनाकर जंगल-झाड़ियों से जलावन चुनकर खाना बनाने में बेहद आनंद है. बराकर नदी तट के बगल ऋजुबालिका स्थित जैनियों का भव्य मंदिर है. संगमरमर की आकर्षक कारीगरी से बने मंदिर लोगों को मोहित करते हैं. बराकर नदी तट पर कुंजरकिया पहाड़, पानी टंकी, रणवा हीर, चंपानगर घाट आदि में सैलानियों की भीड़ रहती है. दिसंबर माह के शुरू होते ही पर्यटकों की भीड़ प्रकृति की गोद में बसे बराकर आना शुरू कर देते हैं. यह भीड़ 18 जनवरी तक बरकरार रहती है.
अंग्रेजों के दौर का टूटा हुआ पुल आज भी लुभाता है
अंग्रेजों के जमाने में बने पूल भी आकर्षण का केंद्र है. हालांकि यह पूल टूट गया है, पर आज भी काफी लोग इस पुल पर फ़ोटो लेना पसंद करते हैं.
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