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Giridih Tourism: सड़क बने, तो कबूतरी पहाड़ी और भट्ठीकुंड की भी खूबसूरती देख सकें लोग

Giridih Tourism: गिरिडीह जिले के तिसरी प्रखंड में कई रमणीय पर्यटन स्थल हैं. लेकिन जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण यहां के प्रमुख तीर्थ स्थल और पिकनिक स्पॉट कबूतरी पहाड़ी और भट्ठीकुंड तक पथ नहीं बनने के कारण सैलानियों को यहां तक पहुंचने में भारी कठिनाई होती है. इसके बावजूद भी दिसंबर से जनवरी माह में यहां पर पिकनिक मनाने लोगों का जमावड़ा लगा रहता है. वैसे तो तिसरी प्रखंड बेशकीमती माइका के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध रहा है. लेकिन तिसरी प्रखंड में प्रकृति की अद्भुत हरियाली, लोगों को अपनी ओर खींचती है.

वैसे तो तिसरी प्रखंड में कई प्रसिद्ध तीर्थ स्थल भी है, जहां पिकनिक मनाने दूर-दूर से लोग तिसरी आते हैं और प्रकृति के मनोरम दृश्य का भरपूर आनंद उठाते हैं. इनमें से भट्ठीकुंड, झुमरखेलवा पहाड़, कबूतरी पहाड़ी, कलवा नदी और रिजिनल झरना है. बताया जाता है कि यदि तिसरी प्रखंड के उक्त पिकनिक स्थलों का सरकार द्वारा विकसित कर दिया जाय तो यह पिकनिक स्थल झारखंड में अव्वल दर्जे का होगा.

किसी हिल स्टेशन से कम नहीं झुमरखेलवा पहाड़

तिसरी प्रखंड मुख्यालय से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित झुमरखेलवा पहाड़ पर पहुंचते ही ऐसा लगता है कि हम कोई हिल स्टेशन पर है. यहां का मनोरम दृश्य देखते ही बनता है, चारों ओर हरेभरे जंगलों से घिरा और लगभग 3 किलोमीटर के भू-भाग पर बड़े-बड़े चट्टान पर पिकनिक मनाने का अंदाज ही अलग है. यहां की एक खास बात यह है कि झुमरखेलवा पहाड़ पर छोटे बड़े हजारों हजार पैरों के निशान हैं. लोगों का मानना है कि पूर्व में यहां भगवान कृष्ण अपने गोपियों के साथ नृत्य किया करते थे. यही वजह है कि इन पहाड़ों का नाम झुमरखेलवा पहाड़ पड़ा. 25 दिसंबर से ही यहां लोगों का आना-जाना शुरू हो जाता है और जनवरी भर लोग यहां पिकनिक मनाते हैं.

हरे-भरे जंगल पहाड़ों से घिरा भट्टिकुंड

तिसरी प्रखंड मुख्यालय के दक्षिण छोर पर और मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित भट्टिकुंड में पत्थरों के बीच बीच बहता कलकल पानी का आनंद ही गजब है. दो तरफ हरे भरे जंगल पहाड़ों से घिरा और बीच में एक किलोमीटर लंबाई और लगभग 150 फिट चौड़ाई में कुंड कुंड बना पत्थर और उसमें बहते कलकल पानी की गूंज प्रकृति की भरपूर आनंद देती है. यहां लोग अपने परिवार के साथ हर साल पिकनिक मनाने आते हैं. लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं होने के कारण लोगों को भारी परेशानी होती है. ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से सड़क बनवाने की गुहार लगाई है लेकिन इसके बावजूद आज तक सड़क नहीं बन सकी है.

कलवा नदी में कटीली पत्थरों और कलकल पानी भी मनोरम दृश्य है

कलवा नदी में कटीली पत्थरों और कलकल पानी भी मनोरम दृश्य है. यहां दूर दूर से लोग पिकनिक मनाने पहुंचते हैं. तिसरी चौक से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थल बहुत ही मार्मिक है. कलवा नदी के लगभग पांच किलोमीटर तक पिकनिक मनाने के लिए लोगों की भीड़ रहती है. यहां के कटीले पत्थरों को देखते ही बनता है. यहां सरकार चाहे तो इसे और विकसित कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं होने से ग्रामीणों में नाराजगी है.

कबूतरी पहाड़ी में लोग करते हैं शिवलिंग की पूजा

कबूतरी पहाड़ी तिसरी प्रखंड का सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल है. यहां एक बड़े पहाड़ के खोह में आपरूपी शिवलिंग बना हुआ है जहां लोग दूर दूर से आकर पूजा-अर्चना करते हैं और मन्नतें मांगते हैं. बताया जाता है कि जो लोग यहां सही मन से पूजा अर्चना कर मन्नतें मांगते हैं भोलेनाथ उनकी मुराद पूरी करते हैं. वैसे तो यह तीर्थ स्थल है, लेकिन इसके चारों ओर प्रकृति ने दमभर कर अपनी छटा बिखेरी है. पहाड़ों के तलहटी में बहती कलकल पानी और जंगल पहाड़ों से घिरे होने के कारण यहां देखते ही बनता है और यही वजह है कि यहां भी भारी संख्या में लोग पिकनिक मनाते हैं. लेकिन आश्वासन के बाद भी यहां तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं बनने से लोगों में रोष व्याप्त है.

रीजिनल झरना

तिसरी रिजिनल अस्पताल जो अब बन्द हो चुका है, उसके पीछे ही एक झरना है, जो रिजिनल झरना के नाम से प्रसिद्ध है. यह झरना की खासियत यह है कि गर्मी के दिनों में यहां ठंडे पानी निकलता है और ठंड के दिनों में पहाड़ी से गर्म पानी निकलता है. यहां भी लोग पिकनिक मनाने पहुंचते हैं और प्रकृति का भरपूर आनंद उठाते हैं. इसी प्रकार तिसरी में जमामो नदी, बरमसिया नदी, झगरैया नाला आदि दर्जनों पिकनिक स्थल है जहां भारी संख्या में लोग पिकनिक मनाने पंहुचते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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