मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के सफल क्रियान्वयन को ले डीसी ने की बैठक समाहरणालय में शनिवार को डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने मुख्यमंत्री मईयां सम्मान योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर एक बैठक की. डीसी ने संबंधित अधिकारियों से योजना की अद्यतन प्रगति की जानकारी प्राप्त कर स्वीकृति हेतु लंबित आवेदनों के निष्पादन को लेकर उचित निर्देश दिये. साथ ही सभी बीडीओ-सीओ को सभी वीएलई, आंगनबाड़ी सेविका, महिला पर्यवेक्षिका व पंचायत स्तरीय पर्यवेक्षक की प्रखंड स्तरीय बैठक आयोजित कर पोर्टल पर ऑनलाइन कर आवेदनों की हार्ड कॉपी प्राप्त करना सुनिश्चित करने की बात की. इसके बाद आवेदन प्रपत्रों को नियमानुसार जांच/सत्यापित करते हुए एक सप्ताह में योग्य लाभुकों को ऑनलाइन स्वीकृति प्रदान करें. साथ ही प्रतिदिन स्वीकृत किए गए आवेदन प्रपत्रों से संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध कराएंगे. समीक्षा के क्रम में डीसी ने बताया कि गिरिडीह जिले में माह अक्टूबर, 2024 में कुल 14932 लाभार्थियों का बैंक खाता एवं आईएफएससी कोड में त्रुटि है जिसका निराकरण अबतक लंबित है. त्रुटियुक्त सभी लाभार्थियों को आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से सूचित करते हुए उनके बैंक खाते के त्रुटियों का निराकरण करेंगे. इसके बाद सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा, गिरिडीह लाभुकों को भुगतान करेंगे. उपायुक्त ने कहा कि यह योजना मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में से एक है. योजना के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. सभी अपना दायित्व समय के अनुसार निर्वहन करेंगे. सभी को समन्वय बनाकर कार्य करना है. ज्यादा से ज्यादा स्थानीय ग्रामीण महिलाओं को इस योजना के संबंध में बतलाया जाये और उन्हें इस योजना के लाभ के लिए जरूरी दस्तावेजों की जानकारी दी जाये. जनप्रतिनिधियों व जिला कार्यालय में प्रतिदिन आ रहे लाभुकों से प्राप्त सूचना अनुसार कई योग्य लाभुक उक्त योजना के लाभ से वंचित है. सभी आंगनबाड़ी सेविकाएं छूटे हुए योग्य लाभुकों को चिह्नित करते हुए उनसे आवेदन प्रपत्र प्राप्त करेंगे व वीएलइ से ऑनलाइन करवाते हुए महिला पर्यवेक्षिका/पंचायत सचिव के माध्यम से प्रखंडों को स्वीकृति हेतु प्रपत्र उपलब्ध करायेंगे. योजना के कार्यान्वयन के लिए सोमवार तक करें टीम गठित डीसी ने कहा कि योजना के लाभुकों को भौतिक सत्यापन हेतु सभी बीडीओ-सीओ नौ दिसंबर तक आंगनबाड़ी सेविका/महिला पर्यवेक्षिका/पंचायत सचिव आदि कर्मियों का टीम गठन करना सुनिश्चित करेंगे और अयोग्य लाभुकों को चिह्नित करते हुए पोर्टल से विलोपित करने की कार्रवाई करेंगे. साथ ही दिसंबर के अंतिम तिथि तक भौतिक सत्यापन का प्रतिवेदन उपलब्ध करायेंगे.
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