लगभग 15 घंटे तक चली छापामारी के बाद मोबाइल, लैपटॉप समेत अन्य दस्तावेज जब्त
गिरिडीह.
जीएसटी की डायरेक्टरेट जेनरल ऑफ कॉमर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टेटिस्टिक्स (डीजीसीआइएस) की टीम ने चार ट्रांसपोर्टरों के यहां छापेमारी की है. इस छापेमारी में ट्रांसपोर्टरों के कर्मचारियों से जहां लंबी पूछताछ की गयी, वहीं कई ट्रांसपोर्टर के घरों में ही दस्तावेज खंगाले गये. लगभग 15 घंटे तक छापेमारी के बाद टीम ने ट्रांसपोर्टरों व उनके कर्मियों के मोबाइल फोन, लैपटॉप समेत अन्य दस्तावेज को जब्त कर लिया है. बताया जाता है कि डीजीसीआइएस की यह टीम पटना से आयी थी. जानकारी के अनुसार शुक्रवार को लगभग 12 बजे यह टीम लगभग 8-10 वाहनों में गिरिडीह पहुंची और गिरिडीह में स्थित बिहार-बंगाल ट्रांसपोर्टर के कार्यालय समेत हरसिंहरायडीह में किराये पर रह रहे दो ट्रांसपोर्टरों के आवास को घेर लिया. इन तीनों स्थानों पर मकान के बाहर कुछ पुलिस वालों की तैनाती करने के बाद जीएसटी के अधिकारी अंदर घुसे.डेढ़ बजे रात तक हुई पूछताछ, दस्तावेज को खंगाला
जीएसटी की टीम ने दुर्गापुर के दो ट्रांसपोर्टरों के गिरिडीह में स्थित आवासीय कार्यालय में लगभग दस घंटे तक दस्तावेजों को खंगाला. इस दौरान नीरज व पिंटू नामक दो लोगों से लंबी पूछताछ की गयी. साथ ही बिहार-बंगाल ट्रांसपोर्ट के चाइना मोड़ स्थित कार्यालय में भी अधिकारियों ने कर्मियों से पूछताछ की. बताया जाता है कि बिहार-बंगाल ट्रांसपोर्ट के ट्रांसपोर्टर अरुण सलूजा मौजूद नहीं थे. इस दौरान कर्मियों से पूछताछ करने के बाद अधिकारियों ने उनके कार्यालय से तीन मोबाइल, एक लैपटॉप, काफी संख्या में बिल बुक व अन्य दस्तावेज को जब्त कर लिया है. वहीं, दुर्गापुर के गिरिडीह में स्थित दो ट्रांसपोर्टरों के किराये पर लिए गये आवास से भी कई दस्तावेज जब्त किये गये हैं. बताया जाता है कि इससे संबंधित एक अन्य ट्रांसपोर्टर के दुर्गापुर स्थित कार्यालय में भी जीएसटी की टीम ने दस्तावेजों को खंगालने के बाद कई कागजात को जब्त कर लिया है. गिरिडीह के इन तीनों स्थानों पर लगभग डेढ़ बजे रात तक छापेमारी के बाद अधिकारी वहां से निकल गये.फर्जी बिल के जरिये कई लोग कर रहे थे ट्रांसपोर्टिंग का काम
मिली जानकारी के अनुसार दुर्गापुर के कुछ ट्रांसपोर्टरों ने गिरिडीह में कई स्थानों पर अपना गुप्त ठिकाना बना लिया है. इसी ठिकाने से ये ट्रांसपोर्टिंग का कारोबार चला रहे थे. बताया जाता है कि फर्जी बिल के जरिये लौह उत्पाद को अलग-अलग राज्यों में पहुंचाने की जिम्मेदारी ये लोग लेते थे. ऐसे लोगों का जाल गिरिडीह के साथ-साथ आसपास के इलाके में भी फैला हुआ है. बताया जाता है कि इससे सरकारी राजस्व की भारी क्षति हो रही थी. इसकी जानकारी सेंट्रल जीएसटी के वरीय अधिकारियों को भी मिल गयी थी. इसी मामले की धड़-पकड़ के लिए ट्रांसपोर्टरों के कई ठिकानों में शुक्रवार को छापेमारी की गयी. सूत्रों की मानें तो दुर्गापुर के दो ट्रांसपोर्टरों के आवासीय कार्यालय से काफी मात्रा में फर्जी बिल भी जब्त किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है