बगोदर प्रखंड की पंचायतों में कई चापाकल खराब, मरम्मती की मांग

बगोदर प्रखंड की पंचायतों में पेयजल की समस्या बढ़ती गर्मी के साथ गहराने लगी है. मुंडरो, अटका पूर्वी और कसियाटांड़ में चापाकल के खराब होने से ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है. मुंडरो पंचायत के सिधवा टोला, पेसरा, भूनियाटांड़, हरिजन टोला, पीराटांड़, बिहारो के कोलहरिया, बिहारो गांव, गमहरिया जैसे इलाके में वर्षों पूर्व बोरिंग किये गये चापाकल खराब हो गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | April 22, 2024 1:00 AM

बगोदर. बगोदर प्रखंड की पंचायतों में पेयजल की समस्या बढ़ती गर्मी के साथ गहराने लगी है. मुंडरो, अटका पूर्वी और कसियाटांड़ में चापाकल के खराब होने से ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है. मुंडरो पंचायत के सिधवा टोला, पेसरा, भूनियाटांड़, हरिजन टोला, पीराटांड़, बिहारो के कोलहरिया, बिहारो गांव, गमहरिया जैसे इलाके में वर्षों पूर्व बोरिंग किये गये चापाकल खराब हो गये हैं. इसके अलावे अटका के कसियाटांड़ और बिरहोर टोला के भी चापाकल खराब है.

खत्म नहीं हो रही विभागीय उदासीनता : ग्रामीणों ने विभागीय पदाधिकारी से खराब चापाकलों की मरम्मत की मांग की, पर इस दिशा में कोई प्रगति नहीं दिखती. जिप सदस्य दुर्गेश कुमार ने पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता गिरिडीह व एई एवं जेई को प्रखंड के विभिन्न पंचायत में खराब चापाकल को दुरुस्त करने को लेकर आवेदन दिया है. इस बाबत गांव के जगदीश महतो ने बताया कि गर्मी शुरू हो गयी है और पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण जल स्तर नीचे जाने लगा है. साथ ही पंचायत में नल जल के तहत किये गये कई स्थानों में नल से भी जल घरों तक नहीं पहुंच रहा है. ऐसे में ग्रामीणों के लिए कुआं और तालाब ही सहारा हैं. मई और जून में पानी की विकराल समस्या होगी. विभिन्न पंचायतों में नल-जल योजना भी हाथी के दांत साबित हो रहे हैं. इसकी जानकारी विभाग को कई बार दी गयी. फिर भी स्थिति यथावत है.

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