गर्मी पड़ रही किसानों पर भारी, सूख रहीं फसलें
बढ़ती गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. आम लोगों के साथ बेजुबान भी परेशान हैं. तेज धूप और पानी की कमी के चलते खेतों में लगी फसल भी मरने लगी है. किसान फसलों को बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं. गर्मी के कारण मिट्टी की नमी खत्म हो रही है.
By Prabhat Khabar News Desk |
April 22, 2024 1:12 AM
सूखने लगे नदी, तालाब व कुएंसिंचाई के अभाव में खेतों में लगी फसल हो रही बर्बाद
गिरिडीह. बढ़ती गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. आम लोगों के साथ बेजुबान भी परेशान हैं. तेज धूप और पानी की कमी के चलते खेतों में लगी फसल भी मरने लगी है. किसान फसलों को बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं. गर्मी के कारण मिट्टी की नमी खत्म हो रही है. इधर नदी, तालाब व कुओं के सूखने से किसानों को सिंचाई करने में परेशानी हो रही है. इससे खेतों में लगी फसल पानी की कमी के कारण मर रही है.
बढ़ती गर्मी पर क्या बोले किसान
प्यारी सिंह :
बढ़ती गर्मी के कारण खेतों की नमी कम होती जा रही है. नदी, तालाब व पोखर सूख रहे हैं, जिस कारण सिंचाई नहीं हो पा रही है. धीरे-धीरे खेतों में लगी फसल बर्बाद हो रही है. आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है.
विष्णु यादव
: खेतों में लगी फसल तैयार होने के अंतिम चरण में है. खेतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पाने से फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. किसानों की परेशानी बढ़ गयी है. हमें कुछ सूझ नहीं रहा है.
मो. अशरफ :
दो सालों से लगातार बारिश कम हो रही है. जिस कारण जमीन के ऊपरी हिस्से में लगातार नमी कम होती जा रही है. कुछ किसान सिंचाई के तरह-तरह के उपाय कर खेती कर रहे हैं. लेकिन जलस्रोतों के सूखने से परेशानी बढ़ गयी है.
कांग्रेस वर्मा :
अभी से तालाब, पोखर व नदी में पानी का स्तर कम हो गया है. एक बार सिंचाई करने के बाद तालाब, पोखर व कूप सूख जाते हैं. 5-10 दिनों में पानी जमा होता है. तब तक खेतों में लगी फसलों को काफी नुकसान हो चुका होता है.