सरिया महाविद्यालय, सरिया में हिंदी विभाग की ओर से शुक्रवार को हिंदी दिवस पखवारा के तहत ‘भारत की आजादी में हिंदी की भूमिका’ विषय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. अध्यक्षता प्राचार्य डॉ संतोष कुमार लाल तथा संचालन डॉ प्रमोद कुमार ने किया. अध्यक्ष डॉ संतोष कुमार लाल ने कहा कि देश में हिंदी दिवस मनाने की जरूरत क्यों पड़ी. जबकि अंग्रेजी एवं अन्य भाषाओं के लिए ऐसे दिवस नहीं मनाये जाते, जो विचारणीय है. उन्होंने कहा कि इस बात से स्पष्ट है कि देश की आजादी एवं विकास में हिंदी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. साथ ही हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने, देशवासियों को हिंदी के प्रति जागरूक करने एवं हिंदी को एकमात्र विश्व की नंबर-एक भाषा बनाने के लिए यह दिवस हमें प्रेरित करता है. वहीं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो रघुनंदन हजाम ने देश की आजादी में हिंदी के योगदान एवं राजभाषा बनने तक की महत्वपूर्ण जानकारी साझा की. साथ ही उन्होंने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने में भारत के महापुरुषों के संघर्ष एवं योगदान का उल्लेख किया. वहीं हिंदी के प्राध्यापक डॉ प्रमोद कुमार ने मुख्य विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि हमें हिंदी के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की जरूरत है. हम अपनी दिनचर्या में हिंदी भाषा का बढ़-चढ़कर प्रयोग करेंगे तो भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व स्तर तक हिंदी की अलग पहचान बनेगी. अपनी मातृभाषा का सम्मान करने से ही हमें सम्मान मिलेगा. आजादी के समय महापुरुषों ने हिंदी के लिये जो सपना देखा था, उन सपनों को हमें हिंदी को संवैधानिक रूप से राष्ट्रभाषा बनाकर पूरा करना है. इसके लिये गैरहिंदी भाषियों को भी आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि हिंदी पखवारा के तहत अगले सप्ताह विद्यार्थियों के लिए निबंध लेखन प्रतियोगिता एवं कविता पाठ का आयोजन किया जायेगा. राजनीति विज्ञान के प्रो आशीष कुमार सिंह ने हिंदी के प्रचार और प्रसार पर बल देने की बात कही. कहा कि विद्यार्थी गर्व से हिंदी का प्रयोग करें. अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए हिंदी सबसे सहज और सरल भाषा है. इस अवसर पर प्रो अरुण कुमार, डॉ शिलेष मोहन, डॉ श्वेता, प्रो चायरा निशा आइंद, प्रो अलका रानी जोजो समेत महाविद्यालय के अन्य कर्मी व काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे.
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