हिंंदुओं ने किया हुसैन का सदका, महिलाओं ने धोये निशान के पैर
गांडेय प्रखंड के बड़की टांड गांव में मुहर्रम के दिन मंगलवार को हिंदू परिवार के लोगों ने भी हजरत हुसैन का सदका किया. जानकारी के अनुसार मुहर्रम आते ही मुस्लिम परिवार के साथ हिंदू परिवार भी अपने स्तर से तैयारी करते हैं.
होली हो या ईद, दुर्गा पूजा हो या मुहर्रम. अधिकांश त्योहारों में हिंदू-मुस्लिम एक मंच पर नजर आते हैं. होली में जहां मुस्लिम समुदाय के लोग मिलकर होली खेलते हैं. वहीं मुहर्रम में हिंदू समाज के लोग हजरत हुसैन का सदका करते हुए मोहम्मदिया निशान के पैर धोते हैं. अक्षत देते हैं और फातिहा भी कराते हैं. हम बात कर रहे हैं बड़कीटांड़ गांव की जहां की हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिक एकता की मिसाल कायम कर रहे हैं. गांडेय प्रखंड के बड़की टांड गांव में मुहर्रम के दिन मंगलवार को हिंदू परिवार के लोगों ने भी हजरत हुसैन का सदका किया. जानकारी के अनुसार मुहर्रम आते ही मुस्लिम परिवार के साथ हिंदू परिवार भी अपने स्तर से तैयारी करते हैं. मुस्लिम के साथ हिन्दू परिवार भी बड़की टांड स्थित इमामवाड़े व महेशमुंडा कर्बला में मन्नत मांगते हैं और मुराद पूर्ण होने पर सिरनी चढ़ाते हैं. इतना ही नहीं मुहर्रम की दसवीं को जुलूस के दौरान हिंदू महिलाओं ने मोहम्मदिया निशान के पैर धोये और अरवा चावल, गुड़, धूप, अगरबत्ती लेकर फातिहा कराया. इसके साथ ही निसान को अक्षत दिया. गांव के भगीरथ सिंह, शिवनारायण सिंह, प्यारी सिंह, चन्द्रमणि सिंह आदि ने बताया कि बुजुर्गों की परंपरा को कायम रखना जरूरी है. हम दोनों समुदायों के लोग यहां हर जाति-धर्म का शुरू से सम्मान करते आ रहे हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है