Giridih News : कोई बीमार पड़ा, तो खाट पर ले जाते हैं परिजन

Giridih News : धावाटांड़ से कुसुआबेड़ा-बिरहोरगढ़ा तक नहीं बनी सड़क

By Prabhat Khabar News Desk | February 8, 2025 12:09 AM

Giridih News : डुमरी प्रखंड के कई गांवों के लोग सड़क के अभाव में उबड़-खाबड़ और दुर्गम रास्ते पर चलने को मजबूर हैं. ऐसी ही कुछ स्थिति डुमरी प्रखंड के धावाटांड़ से कुसुआबेड़ा-बिरहोरगढ़ा पथ की है. उक्त गांव की सड़क आज भी कच्ची है. सड़क नहीं होने के कारण उक्त दोनों गांव के ग्रामीण परेशान हैं. दोनों गांवों की आबादी पांच सौ से अधिक है, लेकिन उन्हें अभी तक पक्की सड़क नसीब नहीं हुई है. बरसात के मौसम में बिरहोरगढ़ा और कुसुआबेड़ा गांव टापू बन जाता है. बीमार पड़ने पर मरीज को खाट से लेकर अस्पताल ले जाना पड़ता है. इस सड़क की लंबाई करीब दो किलोमीटर है. इस सड़क किनारे आदिवासी बहुल गांव बिरहोरगढ़ा, कुसुआबेड़ा और धावाटांड़ बसा है. कुछ वर्ष पूर्व कुछ दूरी तक पीसीसी व मिट्टी मोरम सड़क और दो पुलिया का निर्माण करवाया गया था. बारिश में मिट्टी-मोरम बह गया है. अब पथ का कहीं कहीं निशान दिखता है. एक पुलिया के पहुंच पथ की मिट्टी बह जाने से पुलिया के पास सड़क कट गयी है. कच्ची सड़क होने के कारण खासकर बिरहोरगढ़ा गांव के लोग अधिक परेशान रहते हैं.

क्या कहती हैं महिलाएं

रूपानी देवी, मुखिया :

मैंने अपने कार्यकाल में उक्त सड़क पर मिट्टी मोरम का काम करवाया था, लेकिन बरसात में वह बह गया. गांव में सड़क नहीं होने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

कलावती देवी :

सड़क नहीं होने के कारण हमलोग पथरीले रास्ते पर चलने को मजबूर हैं. गांव में सड़क बन जाने से हम सभी की समस्या दूर हो जाती.

अनीता कुमारी :

सड़क नहीं बनने से हम सभी के रोजमर्रा के जीवन में कई समस्याएं होती हैं. कई बार कच्चे रास्ते पर गिरकर हम सभी चोटिल भी हो चुके हैं. सड़क का निर्माण जल्द होना चाहिए.

चांदमुनी सोरेन :

गांव में आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि हम लोगों की समस्या देखने नहीं आये हैं और ना ही किसी अधिकारी ने ध्यान दिया है.

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