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गिरिडीह केंद्रीय कारा में खुलेगा इग्नू सेंटर, बंदी कर सकेंगे यूजी से पीजी तक की पढ़ाई

गिरिडीह केंद्रीय कारा में बंद बंदियों को अब जेल के अंदर ही उच्च शिक्षा मिलेगी. केंद्रीय कारा में बहुत जल्द इग्नू का सेंटर खुलने वाला है.

जेल सुपरिटेंडेंट हिमानी प्रिया के प्रस्ताव को जेल आइजी से स्वीकृति मिली, जल्द शुरू होगी प्रक्रिया

मृणाल कुमार, गिरिडीह.

गिरिडीह केंद्रीय कारा में बंद बंदियों को अब जेल के अंदर ही उच्च शिक्षा मिलेगी. केंद्रीय कारा में बहुत जल्द इग्नू का सेंटर खुलने वाला है. इग्नू सेंटर खोलने का प्रस्ताव जेल सुपरिटेंडेंट हिमानी प्रिया ने जेल आइजी को दिया था, जिसकी स्वीकृति मिल गयी है. इग्नू सेंटर खुलने से वैसे बंदियों को इसका लाभ मिलेगा जिनकी शिक्षा जेल जाने के कारण अधूरी रह गयी है. अब ऐसे बंदी जेल में ही रहकर उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगें. उक्त आशय की जानकारी जेल सुपरिटेंडेंट ने दी. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को जेल आइजी सुदर्शन मंडल गिरिडीह केंद्रीय कारा का निरीक्षण करने पहुचें थे. इस दौरान उन्होंने उनके 42 प्रस्ताव की स्वीकृति दी. साथ ही अन्य कई नये प्रस्ताव को भी पारित किया है. इसमें मुख्य रूप से गिरिडीह केंद्रीय कारा में इग्नू सेंटर खोलने की स्वीकृति शामिल है. जल्द ही जेल में बंद बंदी यूजी से लेकर पीजी तक की पढ़ाई कर सकेंगे.

इन प्रस्तावों को मिली है स्वीकृति

जेल सुपरिटेंडेंट ने आइजी को वार्ड व पेरीमीटर वॉल की मरम्मत, 30 बेड का कक्षपाल बैरक, कारा के अंदर एक सेंटर वॉच टावर व एक नये वॉच टावर निर्माण, किचन की मरम्मति, जेल में रोटी मेकिंग मशीन के लिए कमरा निर्माण, सीसीटीवी कंट्रोल रूम तथा मुलाकाती कक्ष की मरम्मत व सौंदर्यीकरण समेत अन्य प्रस्ताव दिये, जिनकी स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है.

कुख्यात बंदियों के लिए जेल के अंदर बनेगा हाई सिक्योरिटी सेल

जेल सुपरिटेंडेंट ने बताया कि गिरिडीह केंद्रीय कारा में कई हार्डकोर नक्सली और कुख्यात बंदी बंद हैं. इसे देखते हुए जेल के अंदर हाई लेबल सिक्योरिटी पहले से ही है. लेकिन, अब इसमें और बदलाव किया जा रहा है. अब जेल में बंद कुख्यात अपराधियों के लिए हाई सिक्योरिटी सेल के साथ-साथ, अंडा सेल और आइटी सेल का निर्माण कराया जायेगा. इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं. बता दें कि जेल के अंदर करीब 70 नये सीसीटीवी कैमरा भी लगाया जायेगा, जिससे जेल की सुरक्षा व्यवस्था और दुरुस्त हो जायेगी.

इंटरकॉम तकनीक से होगी बंदियों की मुलाकात

गिरिडीह केंद्रीय कारा में बंद बंदियों की मुलाकाती पिछले कई वर्षो से पुराने तरीके यानि की एक चाहरदीवारी के भीतर से बंदियों को उनके परिजनों से मिलाने का काम किया जा रहा है. इसमें बंदी जेल के अंदर से एक चाहरदीवारी के अंदर खिड़की से झांक कर अपने परिजनों से मुलाकात करते आ रहे हैं. लेकिन, अब इसमें बहुत जल्द बदलाव देखने को मिलेगा. अब गिरिडीह केंद्रीय कारा के बंदी इंटरकॉम के माध्यम से अपने परिजनों से मुलाकात कर सकेंगे. इंटरकॉम मुलाकाती के प्रस्ताव की स्वीकृति भी मिली है. जल्द ही जांच एजेंसी गिरिडीह केंद्रीय कारा आकर इसका निरीक्षण भी करेगी. इंटरकॉम सिस्टम लगने से समस्या का काफी हद तक समाधान हो जायेगा. दोनों के बीच शीशे के साथ एक जाली की दीवार भी होगी. थोड़ी दूर से वे एक-दूसरे को देख पायेंगे. साथ ही इंटरकॉम से बातचीत होगी. तब बंदी ना परिजन से कुछ ले पायेगा और ना ही कुछ उसे दे पायेगा. सुरक्षाकर्मियों की भी उन पर पैनी नजर रहेगी.

बंदियों को दिया जायेगा रोजगार से जुड़ा प्रशिक्षण : हिमानी प्रिया

गिरिडीह केंद्रीय कारा की जेल सुपरिटेंडेंट हिमानी प्रिया ने बताया कि बहुत जल्द सेंट्रल जेल की तरह यहां के बंदियों को सुविधा मिलनी शुरू हो जायेगी. इसके लिए उन्होंने जो महत्वपूर्ण प्रस्ताव विभाग को भेजा था, उसकी स्वीकृति मिल चुकी है. शुक्रवार को जेल आइजी ने जेल का निरीक्षण कर यहां की व्यवस्था से काफी काफी खुश हुए हैं और कई प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. बताया कि उनका यह प्रयास रहेगा कि बंदियों को रोजगार से जुड़ा प्रशिक्षण दिलाये जाये, ताकि वे बाहर निकलें तो उन्हें रोजगार भी मिल सके. बताया कि बंदियों के लिए बहुत जल्द वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर, लाइब्रेरी समेत कंप्यूटर ट्रेनिंग, मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स समेत अन्य प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. इससे महिला व पुरुष बंदी काफी लाभान्वित होंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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