बता दें कि इन अवैध क्रशरों में बोल्डर की आपूर्ति के लिए गावां व तिसरी इलाकों के वन क्षेत्र समेत कई जगहों पर अवैध माइनिंग कर किया जाता है.
गावां में दिन के उजाले में ही अवैध बोल्डरों को इन क्रशरों में बेरोकटोक पहुंचाया जाता है. जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जान कर बभी आंखे बंद किये हुए हैं. कहा जा सकता है कि क्रशर और खनन के इस अवैध कारोबार में संबंधित अधिकारियों की मौन स्वीकृति है. तभी तो दिन के उजाले में भी गावां थाना और प्रखंड कार्यालय से सटे सड़कों पर अवैध बॉल्डर और गिट्टी का परिवहन होता है और कोई कार्रवाई नहीं होती है. गावां के केंदुआडीह, हड़हड़ा, गदर, गणपतबागी कई जगहों पर वर्षों से अवैध क्रशर का संचालन धड़ल्ले से बेरोकटोक हो रहा है. वहीं गावां के गनपतबगी में एक क्रशर को माइनिंग विभाग से लाइसेंस भी मिला है तो वहां विभाग से आंकड़ों की हेराफेरी कर राजस्व की चोरी हो रही है.इन अवैध क्रशरों के संचालन से जहां एक ओर सरकार को राजस्व की क्षति हो रही है, तो इलाके में अवैध खनन को भी बढ़ावा मिल रहा. इससे पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ रहा है. पत्थरों का लगातार दोहन होने से आसपास के पहाड़ों का अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया है, पत्थरों के उत्खनन से पेड़ पौधे भी नष्ट हो रहे हैं जिससे पर्यावरण पर भारी खतरा भी मंडरा रहा है. क्रशर के संचालन से आसपास के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
अवैध क्रेशरों पर की जायेगी कार्रवाई: एसडीएम
मामले में एसडीएम अनिमेष रंजन ने कहा कि गावां प्रखंड चल रहे सभी अवैध क्रेशरों पर टीम गठित कर कार्रवाई की जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है