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कटहल से सजने लगी है सरिया बाजार की सब्जी मंडी

कटहल निर्यात के मामले में सरिया बाजार पूर्व से अपनी पहचान बनाये रखा है. यहां से फरवरी-मार्च से लेकर जून-जुलाई तक देश के कई राज्यों में प्रचुर मात्रा में कटहल का निर्यात किया जाता है. इससे लोगों को अच्छी खासी आमदनी होती है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 26, 2024 11:10 PM

चार-पांच टन कटहल की प्रतिदिन होती है बिक्री

सरिया.

कटहल निर्यात के मामले में सरिया बाजार पूर्व से अपनी पहचान बनाये रखा है. यहां से फरवरी-मार्च से लेकर जून-जुलाई तक देश के कई राज्यों में प्रचुर मात्रा में कटहल का निर्यात किया जाता है. इससे लोगों को अच्छी खासी आमदनी होती है. मालूम रहे कि सरिया प्रखंड क्षेत्र के कैलाटांड़, बकराडीह, केशवारी, चंद्रमारणी, निमाटांड़, सबलपुर, उर्रो, चिचाकी, बंदखारो, मंदरामो, औरवाटांड़ सहित अन्य गांव के किसान कटहल लेकर सरिया बाजार पहुंचते हैं. इसके अलावा बगोदर, बिरनी समेत अन्य प्रखंडों के भी किसान कटहल लेकर स्टेशन रोड सरिया पहुंचते हैं. यहां कटहल के थोक व्यापारी उनसे कटहल खरीदकर विभिन्न राज्यों के व्यापारियों को बेचते हैं. बताया जाता है कि इस क्षेत्र का कटहल उन्नत कोटि व काफी स्वादिष्ट होता है. यहां के किसान भी अपने बाग-बगीचे में उन्नत किस्म के कटहल के पौधे लगाते हैं. पेड़ बड़ा होकर किसानों को अच्छी आमदनी देता है. लोग आर्थिक दृष्टि से मजबूत होते हैं.

शीत गृह नहीं रहने से होती है परेशानी

लेकिन, शीत गृह नहीं होने से इसे लंबे समय तक नहीं रख पाते हैं. कई बार उन्हें औने-पौने दाम पर कटहल बेचना पड़ता है. में बेचने को मजबूर होना पड़ता है. इस बार भी सरिया प्रखंड क्षेत्र में कटहल की पैदावार अच्छी खासी हुई है. थोक व्यापारी कटहल की क्वालिटी देखकर उसका मूल्य तय कर भुगतान करते हैं. सरिया बाजार में फरवरी मार्च में कटहल 100-150 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है. वहीं बड़ा हो जाने पर एक-एक कटहल पांच से दस किलो का हो जाता है. इसकी कीमत उसकी क्वालिटी पर तय की जाती है. अन्य प्रदेशों में कटहल बेचने वाले व्यापारियों की मानें तो सरिया व आसपास के क्षेत्र के कटहल अच्छी क्वालिटी के है, जिसे दूसरे राज्यों में लोग इच्छा के साथ खरीदते हैं. कटहल की पकौड़ी, बिरयानी, सूखी सब्जी, मसालेदार सब्जी, कटहल कोफ्ता, आचार जैसे कई प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते हैं. पका हुआ कटहल एक स्वादिष्ट फल के रूप में खाया जाता है. इसके पके हुए कोये को सुखाकर आम रोटी बनायी जाती है. जबकि इसके बीज को भूनकर खाया जाता है, जिसमें प्रचुर मात्रा में पौष्टिक भरा होता है.

दूसरे प्रदेश से आते हैं खरीदार

सरिया बाजार में प्रतिदिन लगभग चार-पांच टन कटहल की बिक्री होती है. इसे बड़े व्यापारी थोक भाव में खरीद कर इसे विभिन्न माल वाहक वाहनों से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में बेचते हैं. जबकि, बिहार के गया, शेखपुरा, सासाराम, औरंगाबाद, लखीसराय, जहानाबाद, पहाड़पुर, पटना, रफीगंज समेत अन्य जगहों से भी छोटे-छोटे व्यापारी आकर कटहल की खरीदारी करने आते हैं. आज से लगभग दो दशक पूर्व कटहल का निर्यात दूसरे प्रदेशों में आसनसोल वाराणसी पैसेंजर ट्रेन, सियालदह एक्सप्रेस, हावड़ा कालका मेल आदि से किया जाता था. ट्रेनों के लेट होने के कारण कटहल खराब होने की आशंका रहती थी. इसलिए सड़क मार्ग से कटहल का व्यापार किया जाता है.

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