भारतीय परंपरा में जैन दर्शन का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण : डॉ राजशरण शाही
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की दो दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक का शुभारंभ शनिवार सुबह श्री सम्मेद शिखर पारसनाथ में विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजशरण शाही, राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल व राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने किया.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की दो दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक का शुभारंभ शनिवार सुबह श्री सम्मेद शिखर पारसनाथ में विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजशरण शाही, राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल व राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने मां सरस्वती व स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया. विद्यार्थी परिषद की इस केंद्रीय कार्यसमिति बैठक के पहले दिन पूरे देश में आयोजित हुए विद्यार्थी परिषद के प्रांत अभ्यास वर्गों के दौरान विभिन्न नए प्रयोगों, पर्यावरण गतिविधियों से विद्यार्थियों से जोड़ने के लिए विद्यार्थी परिषद के प्रयास, देश की वर्तमान शैक्षणिक व सामाजिक स्थिति, विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों आदि विषयों पर चर्चा हुई. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की पारसनाथ केंद्रीय कार्यसमिति बैठक में पेरिस ओलंपिक के दौरान महिला बॉक्सिंग मुकाबले के दौरान महिला वर्ग के अपमान का विषय प्रमुखता से उठा. पेरिस ओलंपिक-2024 के दौरान इटली की अंजेला करीनी और अल्जीरिया की इमान खलीफ़ के बीच हुआ मुकाबला निकृष्ट वोकिज्म का उदाहरण है. महिला वर्ग के मुकाबले में बॉयोलाजिकल पुरूष को उतारना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण तथा महिलाओं को अपमानित करने वाला है. अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजशरण शाही ने केन्द्रीय कार्यसमिति बैठक के उद्घाटन सत्र में उपस्थित प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय परंपरा में जैन दर्शन का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है. भारतीय ज्ञान परंपरा में जैन ऋषियों तथा दार्शनिकों का योगदान विशिष्ट है. वर्तमान समय में पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दे बेहद अहम हैं. अपने आचरण से जैन मुनियों ने पर्यावरण के प्रति नागरिकों को सचेत तथा संवेदनशील किया है. पारसनाथ जैसे विशिष्ट स्थान पर आयोजित हो रही विद्यार्थी परिषद की बैठक नए दिशा सूत्रों को खोजने वाली सिद्ध होगी. केंद्रीय कार्यसमिति बैठक के उद्घाटन के अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि वर्तमान में विभिन्न परीक्षाओं के आयोजन के दौरान पारदर्शिता के विषय में लगातार प्रश्न उठे हैं. शिक्षा की पवित्रता को बनाए रखने के लिए परीक्षा की सूचित सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) में व्यवस्थागत परिवर्तन आवश्यक है. ताकि इस एजेंसी द्वारा आयोजित की जा रही परीक्षाएं बिना किसी समस्या के आयोजित हो सकें. कोचिंग के संदर्भ में भी देश के अलग-अलग हिस्सों से लगातार समस्याएं सामने आ रही हैं. कोचिंग क्षेत्र के नियमन को लेकर शीघ्र कदम उठाने की आवश्यकता है.
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