उत्तराखंड के सुरंग हादसे से सुरक्षित घर वापसी पर गिरिडीह के मजदूरों का स्वागत, बोले- अब नहीं जाएंगे बाहर
सुबोध अपनी मां चंद्रिका देवी व पिता बुधन महतो समेत पूरे परिवार से गले से लिपट गया. इस दौरान पूरा माहौल भावुक हो उठा. सुबोध ने अपने माता-पिता के साथ-साथ अन्य लोगों का पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया.
बिरनी : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग हादसे के 16 दिन बाद सुरक्षित निकाले गये बिरनी के दो मजदूर सिमराढाब निवासी सुबोध कुमार वर्मा व केशोडीह निवासी विश्वजीत वर्मा शनिवार को अपने-अपने घर लौटे. दोनों का ग्रामीणों व परिजनों ने दिल खोलकर स्वागत किया. दोनों को सहायक श्रमायुक्त रवि शंकर ने सरकारी वाहन से घर तक छोड़ा. इस दौरान विधायक विनोद कुमार सिंह भी रांची से अपने वाहन से उनके साथ दोनों मजदूरों के घर तक पहुंचे.
लिपट पड़े सुबोध के माता-पिता :
सुबोध अपनी मां चंद्रिका देवी व पिता बुधन महतो समेत पूरे परिवार से गले से लिपट गया. इस दौरान पूरा माहौल भावुक हो उठा. सुबोध ने अपने माता-पिता के साथ-साथ अन्य लोगों का पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया. इकलौते पुत्र को सकुशल देख कर माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं था.
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विश्वजीत के घर पर थी खुशियां :
सुबोध को घर छोड़ने के बाद विश्वजीत को साथ में लेकर सहायक श्रमायुक्त रवि शंकर, बीडीओ सुनील वर्मा केशोडीह गांव पहुंचे. वहां सुबोध की पत्नी चमेली देवी, पुत्र ऋषि कुमार ने आरती उतार कर व मिठाई खिलाकर स्वागत किया. विश्वजीत जैसे ही अपने पिता का पैर छूकर आशीर्वाद लेने पहुंचा तो उसके पिता हेमलाल महतो पुत्र रो पड़े. उपस्थित लोगों ने उन्हें शांत कराया. इस दौरान बीस सूत्री अध्यक्ष एतवारी वर्मा समेत सभी ग्रामीणों ने विश्वजीत का स्वागत किया.
राज्य में रोजगार मिलेगा तो बाहर नहीं जायेंगे :
विश्वजीत और सुबोध ने कहा कि हम सरकार व अधिकारियों से मांग करते है कि हमलोगों को यही पर रोजगार दें, ताकि घर-परिवार को छोड़कर बाहर नहीं जाना पड़े. पुनः सुरंग में काम पर जाने की बात पूछे जाने पर कहा कि फिलहाल अभी घर आया हूं. अब तो सुरंग में काम नहीं करने का ही विचार है. वहीं दोनों के माता, पिता व पत्नी ने कहा कि अब सुरंग में काम करने के लिए नहीं भेजेंगे.