गिरिडीह : जीवन नौकरी से बड़ा है, न्याय की जीत होनी चाहिए, तबादले से नाराज एसडीपीओ ने किया इस्तीफे का ऐलान
तबादले का अन्यायपूर्ण फैसला देखकर मैंने नौकरी से इस्तीफा देने का फैसला लिया है. जीवन नौकरी से बड़ी है. न्याय की जीत होनी चाहिए. जय हिंद. ये उद्गार हैं गिरिडीह जिले के एक सीनियर पुलिस ऑफिसर के.
गिरिडीह, राकेश सिन्हा : तबादले का अन्यायपूर्ण फैसला देखकर मैंने नौकरी से इस्तीफा देने का फैसला लिया है. जीवन नौकरी से बड़ा है. न्याय की जीत होनी चाहिए. जय हिंद. ये दर्द है गिरिडीह जिले में पदस्थापित झारखंड पुलिस सेवा (जेपीएस) के एक सीनियर पुलिस ऑफिसर का.
- एक माह के अंदर तबादला किये जाने से नाराज एसडीपीओ साजिद जफर देंगे इस्तीफा
- राहुल गांधी न्याय यात्रा कर रहे हैं और उनकी सरकार अन्याय कर रही है : साजिद
गिरिडीह के खोरीमहुआ में एसडीपीओ थे साजिद जफर
गिरिडीह जिले के खोरीमहुआ के एसडीपीओ साजिद जफर अपने ट्रांसफर से बेहद नाराज हैं. उन्हें डेढ़ माह के अंदर खोरीमहुआ एसडीपीओ के पद से हटाकर सीआईएसएफ बोकारो में पदस्थापित कर दिया गया है. ट्रांसफर की अधिसूचना जारी होने के बाद उन्होंने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है. साथ ही ऐलान कर दिया है कि वह नौकरी से इस्तीफा दे देंगे.
फेसबुक पर किया नाराजगी का इजहार
साजिद जफर ने अपने फेसबुक पेज पर भी अपनी नाराजगी का इजहार कर दिया है. उन्होंने साफ कहा है कि ‘स्थानांतरण के अन्यायपूर्ण निर्णय को देखकर मैंने नौकरी से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है. जिंदगी नौकरी से बड़ा है. न्याय की जीत होनी चाहिए’.
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राहुल गांधी से पूछा सवाल- झारखंड की सरकार कर रही अन्याय
प्रभात खबर ने जब साजिद जफर से बात की, तो उन्होंने कहा कि यह अन्यायपूर्ण निर्णय है. एक तरफ कांग्रेस के नेता राहुल गांधी न्याय यात्रा निकाल रहे हैं और दूसरी ओर उनके समर्थन से बनी झारखंड की सरकार अन्याय कर रही है.
आपकी सरकार में न्याय नहीं हो रहा, तो देश में कैस न्याय करेंगे
उन्होंने कहा कि हमारा जो बोनाफाइड राइट है, वह तो मुझे मिलना ही चाहिए. साढ़े पांच साल से नॉन-फील्ड में काम कर रहा हूं. इसका क्या मतलब है? एक माह खोरीमहुआ में काम किया और मुझे हटा दिया गया. आखिर मेरा क्या अपराध था? राहुल गांधी से मेरा एक ही सवाल है कि जिस राज्य में आपकी सरकार है, वहां न्याय नहीं कर सकते तो देश में न्याय कैसे करेंगे?