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Giridih News: खरमास प्रारंभ, एक माह तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य, नहीं सुनाई देगी शहनाई की गूंज

Giridih News: हिंदी पंचांग के अनुसार रविवार की रात से खरमास शुरू हो गया. यह पूरे एक महीने तक रहेगा. वहीं 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही इसकी समाप्ति होगी.

इस बीच सभी धार्मिक अनुष्ठान बंद रहेंगे. आरपीएफ हजारीबाग रोड स्थित पंच मंदिर के पुजारी सब्यसाची पांडेय ने बताया कि जिस दिन भगवान सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे उस दिन मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जायेगा. इसके साथ ही शिशिर ऋतु का प्रारंभ हो जायेगा. मकर राशि में सूर्य के प्रवेश करते ही सूर्य का उत्तरायण माना जाता है. सूर्य के उत्तरायण होने से ही सभी मांगलिक कार्य पुन: प्रारंभ हो जाते हैं. शहनाइयों की गूंज फिर से सुनाई देगी. बाजारों में रौनक आएगा.

क्यों लगता है खरमास :

आरपीएफ हजारीबाग रोड स्थित पंच मंदिर के पुजारी सब्यसाची पांडेय ने बताया कि इस दौरान भगवान सूर्य अपने रथ के सात घोड़ों को विश्राम के लिए छोड़ देते हैं और गधों को रथ में जोत लेते हैं. गधे का दूसरा नाम खर है. इसिलिए इस मास को खरमास के नाम से जाना जाता है. इस दौरान भगवान सूर्य का रथ धीमी गति से चलता है. खरमास (पौष मास के आरंभ होते ही ) में भगवान सूर्य का धनु राशि में प्रवेश विशेष परिणाम पैदा करता है. अत्यधिक ठंड होने के कारण बीमारियां और रोग बढ़ते हैं. ज्योतिषीय कर्म से धनु की संक्रांति में शुभ कार्य वर्जित हो जाता है. इसलिए इसे धनु खरमास भी कहा जाता है.

खरमास के दौरान ये कार्य शुभ और ये कार्य माने जाते हैं अशुभ

पं सब्यसाची पांडेय ने बताया कि हृषिकेश पंचांग के अनुसार 15 दिसंबर की रात 10:19 पर सूर्य वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे. इसके साथ ही खरमास प्रारंभ हो जायेगा. जबकि इसका समापन नए साल 14 जनवरी 2025 ई को सूर्य के मकर राशि में गोचर होते ही हो जायेगा. इस दौरान मुंडन, गृह प्रवेश, विवाह कार्य, सगाई, यज्ञ- जागरण आदि कार्य वर्जित है. वैदिक ग्रंथों के अनुसार जब सूर्य गुरु बृहस्पति की धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं उस समय गुरु काफी कमजोर हो जाते हैं. ऐसे में मांगलिक कार्य करने से उसका सुपरिणाम नहीं मिल पाता है. ऐसी मान्यता है कि खरमास के दौरान बहू या बेटी की विदाई करना भी अशुभ होता है. इसके अलावा नए व्यापार का प्रारंभ करना, दुकान खोलना, नए वाहन खरीदना आदि भी अशुभ होता है. धनु राशि में सूर्य के प्रवेश करने के बाद जगत के पालन करना भगवान विष्णु तथा शिव जी की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है.

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