Giridih News:मकर संक्रांति के साथ खरमास समाप्त, मांगलिक कार्यों की शुरुआत कल से : सव्यसाची

Giridih News:बुधवार को सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इसके साथ ही खरमास की समाप्त हो जायेगा और मांगलिक कार्य शुरू हो जायेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | January 13, 2025 10:58 PM

बुधवार को सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इसके साथ ही खरमास की समाप्त हो जायेगा और मांगलिक कार्य शुरू हो जायेंगे. यह जानकारी सरिया स्थित आरपीएफ पंच मंदिर पुजारी सव्यसाची पांडेय ने दी. उन्होंने बताया कि इस वर्ष मकर संक्रांति पर्व 14 जनवरी को ही मनाया जायेगा. हृषिकेश पंचांग के अनुसार सूर्य बुधवार की दोपहर 3:27 मिनट पर धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होंगे. इस खगोलीय घटना के साथ ही खरमास की समाप्ति होगी. मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जायेगा जो हिंदू धर्मावलंबियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस दिन को लोग पुण्यकाल मानते हैं. लोग पवित्र नदियों में स्नान कर दान-पुण्य करते हैं. बुधवार को दिनभर पुण्यकाल रहेगा. स्नान दान का यह विधान वर्ष में एक बार होता है. यह त्योहार दिन-रात की अवधि में संतुलन लाने का प्रतीक है. लेकिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही सभी शुभ काम की शुरुआत हो जाती है. मकर संक्रांति पर परंपरा और रीति-रिवाज के अनुसार इस दिन प्रात:काल नदी या तीर्थ में स्नान कर ब्राह्मणों व जरूरतमंदों को पंचांग तथा गर्म कपड़े बांटने, तिल और गुड़ से बने तिलकुट, लड्डू, चूड़ा, खिचड़ी, पीठा, दही आदि अन्य पारंपरिक व्यंजन बनाकर खाने की परंपरा है. गायों को चारा और पक्षियों को अन्न खिलाने की परंपरा भी शुभ मानी जाती है. यह त्योहार आत्मा को शुद्ध करने और नव ऊर्जा का संचार करने का दिन माना गया है.

दान-पुण्य का मिलता कई गुणा फल

आज के दिन आस्था से जुड़े कई धार्मिक स्थलों में एक महीने तक मेले का आयोजन चलता है. ऋषि महर्षियों के अनुसार इस दिन किए गए दान-पुण्य कर्मों का कई गुना फल मिलता है. मकर संक्रांति का पर्व ना केवल खगोलीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी इसका अत्यधिक महत्व है. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ जीवन में शुभता और सकारात्मकता का नया अध्याय भी शुरू हो जाता है. मान्यता है कि सूर्य की धनु राशि से मकर राशि में आने के साथ ही वातावरण में उष्णता आ जाती है. धीरे-धीरे दिन बड़ा होने लगता है और रात छोटी होती है. सर्दी का प्रभाव होने लगता है. इस दिन अग्नि में तिल या तिल का पौधा डालकर बच्चों को टपाये जाने की परंपरा है, जिससे कि तिल की तरह बच्चों का भी शारीरिक विकास होते रहे. त्योहार को लेकर सरिया प्रखंड क्षेत्र के राजदहधाम, शिवशक्तिधाम सहित विभिन्न मंदिरों में मंगलवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी. इधर, सरिया बाजार में मकर संक्रांति के मौके पर तिलकुट तथा हरी साग सब्जियों की जमकर खरीदारी हुई.

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