हत्या के मामले में पांच लोगों को आजीवन कारावास
हत्या के एक मामले में अदालत ने पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है.
गिरिडीह. हत्या के एक मामले में अदालत ने पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. यह सजा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सुनवाई के बाद सुनायी गयी. बता दें कि जिले के गांडेय थाना क्षेत्र के हरिपालडीह में फसल लगाने को लेकर विवाद हुआ था. इस मामले में युवक रंजीत वर्मा की हत्या 16 मार्च 2018 को कर दी गयी थी. मृतक के छोटे भाई अनिल कुमार वर्मा की शिकायत पर गांडेय थाना में मामला दर्ज कराया गया था. इसमें बीरबल सिंह, किशोर सिंह उर्फ सिरी सिंह, गणेश सिंह, वकील सिंह उर्फ बेगा सिंह व विनोद सिंह को आरोपी बनाया गया था. इस मामले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की ओर से दलीलें सुनने के बाद उक्त पांचों आरोपियों को दोषी पाया गया. प्रधान जिला जज वीणा मिश्रा ने पांचों आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी. सभी आरोपियों को दस हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता पारस साव और शाहिद आलम ने दलील रखी.
छोटे भाई की हत्या में बड़े भाई को आजीवन कारावास
गिरिडीह. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने छोटे भाई की हत्या के एक मामले में बड़े भाई बैजनाथ सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही अदालत ने दस हजार रु का जुर्माना भी लगाया है. विदित हो कि मुफस्सिल थानांतर्गत भेड़मुक्का की गोतनी चंद्रिका देवी और जूली देवी के बीच बिजली काटे जाने को लेकर विवाद हुआ था. इस मामले में दोनों ओर से कहा-सुनी हो ही रही थी कि बैजनाथ सिंह भी पहुंच गये और अपने छोटे भाई दयानंद कुमार सिंह की पत्नी से उलझ गये. विवाद बढ़ता देख दयानंद कुमार सिंह भी पहुंचे. इसके बाद दोनों भाइयों में खूनी संघर्ष शुरू हो गया. मृतक की पत्नी जूली देवी का कहना है कि भैंसुर, उनकी बेटी खुशबू, बेटा डिस्को सिंह, गोतनी चंद्रिका देवी ने मिलकर उनके पति को लाठी-डंडा आदि से पीटा और गंभीर रूप से घायल कर दिया. ग्रामीणों के सहयोग से उनके पति को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, पर वह नहीं बचा. जूली देवी की लिखित शिकायत पर बैजनाथ सिंह, चंद्रिका देवी, डिस्को सिंह और खुशबू देवी को आरोपी बनाते हुए मुफस्सिल थाना में 26 जून, 2020 को मामला दर्ज कराया गया था. इस मामले में बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीणा मिश्रा की अदालत ने बैजनाथ सिंह को दोषी करार देते हुए यह सजा सुनायी है.