राजधनवार.
मौसम बदल रहा है. मॉनसून शुरू होने वाली है. प्राय: मौसम वज्रपात का ऑरेंज, येलो व रेड अलर्ट जारी करने लगा है. इधर, धनवार प्रखंड क्षेत्र के प्रायः विद्यालय की छत तड़ित चालक विहीन हो चुके हैं. पिछले 10-12 वर्षों में प्रायः तड़ित चालक की चोरी हो चुकी है. इसके चोरी जाने से हजारों विद्यार्थियों, सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिका व रसोइया की जीवन पर खतरा मंडरा रहा है. इक्का-दुक्का स्कूल में तड़ित चालक है भी, तो वर्षों से उसकी जांच व मरम्मत नहीं हुई है. यह जांच का विषय है कि वे क्रियाशील भी है या निष्क्रिय हो चुके हैं. मालूम रहे कि वर्ष 2012 में आदर्श कॉलेज धनवार में वज्रपात के दौरान एक छात्र की मौत हो गयी थी. आक्रोशित विद्यार्थियों ने धनवार-सरिया रोड जाम कर एंबुलेंस व चलंत चिकित्सा वाहन को आग के हवाले कर दिया था. विधि-व्यवस्था संभालने में प्रशासन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. बावजूदइसके स्थिति नहीं बदली. ऐसे में स्कूलों में कार्यरत शिक्षक व अध्ययनरत बच्चे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.प्रखंड में हैं 263 सरकारी व 99 निजी विद्यालय
धनवार प्रखंड में 263 सरकारी व 99 निजी विद्यालय संचालित हैं. सरकारी विद्यालयों में वर्तमान में लगभग 47 हजार बच्चे अध्ययनरत व 758 शिक्षक अध्यापन कार्य में जुड़े हैं. 481 रसोइया दीदी भी स्कूल में मध्याह्न भोजन बनाने का काम कर रही हैं. वहीं, 99 निजी विद्यालयों में भी छात्र-शिक्षक की संख्या लगभग 14 हजार है. शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों में 2012 में तड़ित चालक लगवाया था. लेकिन, साल-दो साल में ही प्रायः तड़ित चालक की चोरी हो गयी. चोरी की प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी थी, लेकिन एक का भी उद्भेदन नहीं हुआ. पिछले 11-12 वर्षों से विद्यालयों तड़त चालक विहीन हैं. चोरी होने के बाद विभाग फिर से तड़ित चालक लगाने की जरूरत नहीं समझा.क्या कहते हैं बीइइओ
बीइइओ अशोक कुमार ने कहा कि स्कूलों में वर्षों से तड़ित चालक का नहीं होना खतरनाक है. बरसात आने ही वाला है. विभाग इस स्थिति से वाकिफ है. विभागीय पदाधिकारियों को पुनः आवेदन देकर ध्यान आकृष्ट कराया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है