Giridih News:मायापुर में 84 वर्षों से हो रही है मां दुर्गा की पूजा

Giridih News:सरिया प्रखंड क्षेत्र के कोयरीडीह पंचायत के मायापुर में वर्ष 1940 से दुर्गापूजा हो रही है. आस्था के इस केंद्र में श्रद्धालुओं की मनोकमना पूरी होती है. यही कारण है कि सालों भर क्षेत्र के लोग मां भगवती की पूजन-अर्चना करने के लिए इस मंदिर में आते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 5, 2024 11:07 PM

सालों भर भगवती की पूजा अर्चना करने यहां पहुंचते हैं श्रद्धालु

सरिया.

सरिया प्रखंड क्षेत्र के कोयरीडीह पंचायत के मायापुर में वर्ष 1940 से दुर्गापूजा हो रही है. आस्था के इस केंद्र में श्रद्धालुओं की मनोकमना पूरी होती है. यही कारण है कि सालों भर क्षेत्र के लोग मां भगवती की पूजन-अर्चना करने के लिए इस मंदिर में आते हैं. बताया जाता है कि यह दुर्गा मंदिर आध्यात्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. यहां वर्ष 1940 ई से ही शक्ति की अधिष्ठात्री देवी मां दुर्गा की पूजा आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना के साथ शुरू हो जाती है. नवरात्र में मंदिर पर नौ दिन तक विशेष पूजा अर्चना वैदिक मंत्रोच्चार के साथ की जाती रही है. नवरात्र के दौरान सुबह से शाम तक श्रद्धालु मंदिर पर आकर देवी मां का दर्शन करते हैं. शाम सात बजे से रात 10 बजे तक भजन-कीर्तन का दौर चलता है. नवमी को कन्या पूजा होती है. पूजा समिति के सचिव रमेश कुमार पांडेय बताते हैं कि 1940 से पहले यहां के लोग मां दुर्गा की पूजा वल मेला देखने के लिए लगभग 30 किमी दूर सरिया बाजार या डुमरी जाते थे. जंगली इलाका, असुरक्षा की भावना तथा दूरी को देखते हुए समाज के बुद्धजीवियों ने ग्रामीण के साथ आपसी चर्चा कर समयानुकूल गांव में ही दुर्गा पूजा और मेला आयोजन का निर्णय लिया. पूजा की शुरुआत स्थल को बांस से घेरकर की गयी. पूजा शुरू होने पर आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में काफी उत्साह था. संस्थापक सदस्य आशीर्वाद पांडेय, टाहो पांडेय, रामेश्वर पांडेय, तारकेश्वर पांडेय, पादु मिस्त्री, नूनमन मिस्त्री, झगर महतो, बनवारी पांडेय, पूरन महतो, रामू पांडेय, भातू महतो, अरुण पांडेय, भागीरथ स्वर्णकार, दुखन महतो आदि थे. इनकी अगुवाई में सभी समाज के सभी वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

गांव की दंपती ने मंदिर के लिए दान में दी थी जमीन

बदलते समय के साथ स्थायी मंदिर के निर्माण को लेकर पूजा समिति के लोगों ने आपसी चर्चा की. माता दुर्गा प्रति असीम श्रद्धा रखने वाले गांव के एक दंपती टाहो पांडेय व अंजना देवी ने मंदिर निर्माण के लिए वर्ष 1950 में अपनी जमीन का दान में समिति को दी. इसके बाद ग्रामीण के सहयोग से भव्य मंदिर का निर्माण किया गया. बिजली, पानी, पंखे, ध्वनि विस्तारक यंत्र आदि की स्थायी व्यवस्था की गयी. प्रत्येक मंगलवार तथा शनिवार की शाम मंदिर परिसर में आध्यात्मिक चर्चा तथा भजन कीर्तन का दौर चला, जो आज भी जारी है. मंदिर बनने से सरिया प्रखंड क्षेत्र के गांव सहित बिरनी तथा बगोदर प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्र के लोग भी मां दुर्गा की पूजा करने तथा मेले का आनंद उठाने यहां आते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो लोग मां का शृंगार व डाक खर्च उठाते हैं, उसके ऊपर मां का आशीर्वाद अवश्य मिलता है. उनकी मनोकामना पूर्ण होती है. यही कारण है कि वर्ष 1940 से अब तक श्रद्धालु निरंतर डाक खर्च श्रद्धालु उठाते आ रहे हैं. पूजा समिति के सचिव रमेश पांडेय ने बताया कि 10 दिवसीय इस दुर्गोत्सव को लेकर वॉलिंटियर्स की नियुक्त किये गये हैं. पंडाल में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देशों का पालन किया जा रहा है. समय-समय पर पुलिस भी निरीक्षण के लिए आ रही है.

पूजा कमेटी है सक्रिय :

पूजा को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए समिति अध्यक्ष जगदीश महतो, सचिव रमेश कुमार पाण्डेय, कोषाध्यक्ष दामोदर वर्मा, सदस्य अनिल पांडेय, विमल कांत मौर्य, राजीव वर्मा, कुलदीप पाण्डेय, खुबलाल वर्मा, सर्वजीत पांडेय, विकास वर्मा, प्रमोद वर्मा, अमित पांडेय, जनार्दन मिस्त्री, रामदयाल महतो, सुनील पांडेय, तुलसी पांडेय, पवन पंडा, भुनेश्वर मिस्त्री, किशुन मिस्त्री, सुनील वर्मा, अमित दायनी, किशुन पांडा, शंभुनाथ पंडा, प्रदीप पांडेय, विकास राणा, रामचंद्र मिस्त्री, लोकन मिस्त्री, रंजीत मिस्त्री आदि सक्रिय हैं.

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