Giridih News :महिला, नौजवान और किसानों की आवाज थे महेंद्र सिंह

Giridih News :महिला, नौजवान और किसानों के अधिकार की आवाज थे महेंद्र सिंह. एक ओर जहां महिलाओं को बराबरी व समानता का अधिकार दिलाने में अहम भूमिका निभायी. वहीं किसानों के हक-अधिकार के लिए हमेशा लड़ाई लड़ते रहे. युवा पीढ़ी को राजनीति के क्षेत्र में लाकर व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई में उनकी भूमिका व दायित्व का बोध कराया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 15, 2025 10:38 PM
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महिला, नौजवान और किसानों के अधिकार की आवाज थे महेंद्र सिंह. एक ओर जहां महिलाओं को बराबरी व समानता का अधिकार दिलाने में अहम भूमिका निभायी. वहीं किसानों के हक-अधिकार के लिए हमेशा लड़ाई लड़ते रहे. युवा पीढ़ी को राजनीति के क्षेत्र में लाकर व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई में उनकी भूमिका व दायित्व का बोध कराया. वह ग्राम सभा के पक्षधर थे और इन सभाओं में महिलाओं, किसानों और नौजवानों को अग्रिम पंक्ति में खड़ा रखा. महिलाओं का सम्मान करने और उन्हें हक देने की बात करते थे. महिलाओं को सिर्फ घरों के अंदर सीमित नहीं रखने, बल्कि समाज में बराबरी के साथ अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की वकालत भी किया. उन्होंने महिला उत्पीड़न के खिलाफ भी आवाज बुलंद की. महिलाओं को गोलबंद कर खंभरा गांव से पदयात्रा के माध्यम से जनजागृति लायी. पढ़ें

रामानंद सिंह

और

सूरज सिन्हा

की विशेष रिपोर्ट.

विकास के लिए सड़क से सदन तक रहे मुखर

महेंद्र सिंह ने सदैव जनराजनीति को तव्वजों दी. आम जनता के अधिकार व विकास को लेकर वह सड़क से लेकर सदन तक मुखर रहे. जनगोलबंदी के माध्यम से कई बड़ी लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया. एक जनप्रतिनिधि के रूप में हमेशा जनता से जुड़े रहने के कारण, वह आज भी लोगों के मन में रचे-बसे हुए हैं. उनकी कविता की पंक्ति ‘कल जब नहीं होंगे हम, जिंदगी की हर खुशी और मातम में, जिंदा रहेगी हमारी गूंज, अनुगूंज बनकर’ आज भी लोगों को याद है. उनको याद करने का मतलब अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करना है. पुलिसिया दमन, अफसरशाही व सामंती जुल्म के खिलाफ वह हमेशा आवाज उठाते रहे. जनता के सवालों पर वह हमेशा आंदोलन को तैयार रहते थे. सामंती व पुलिसिया जुल्म के खिलाफ कई आंदोलन किये. इसका परिणाम भी सकारात्मक रहा. जुल्म और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता के अंदर आंदोलन करने को लेकर बढ़ता आत्मविश्वास उनकी जनराजनीति को तव्वजो देने का ही नतीजा था. शुरुआती दौर में सीमित इलाकों में ही भाकपा माले का संगठन था. 1990 में वह विधायक बने तो बगोदर विस क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में संगठन का विस्तार किया गया.

पंचायती राज व्यवस्था दुरुस्त करने की दिशा में किया काम

महेंद्र सिंह ने पंचायती राज व्यवस्था को दुरूस्त करने की दिशा में कई काम किये थे. ग्राम सभाओं के माध्यम से समस्याओं का निष्पादन करते थे. बगोदर विस क्षेत्र के अलावे जिले के अन्य प्रखंडों में ग्राम सभाओं का गठन किया. गांवों में ग्राम सभाओं का गठन कर लाल लहर की बुनियाद को मजबूत किया. इसके माध्यम से समिति के लोगों को उनका अधिकार से अवगत करा मुखर होने की प्ररेणा दी. वह किसानों और मजदूरों के साथ गठबंधन को तरजीह देते थे. माले के पूर्व विधायक राजकुमार यादव कहते हैं कि महेंद्र सिंह जनता की आवाज थे. कहा कि एकीकृत बिहार में यहां पर पंचायत चुनाव नहीं हो रहा था, उस वक्त महिलाओं, नौजवानों व किसानों को आगे बढ़ाया. जब गरीबों की जमीन को जमींदारों द्वारा कब्जा किया जा रहा था, उस वक्त उन्होंने जमींदार उन्मूलन आंदोलन चलाया और गरीबों को उनकी जमीन पर पुन: कब्जा दिलाया. उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. श्री यादव ने कहा कि महेंद्र सिंह कहते थे कि राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन, तो महज सत्ता के लिए है. हमारा गठबंधन तो जनता के बीच में है. जनता के साथ गठबंधन के बूते हरेक गठबंधन को परास्त करने की बात करते थे.

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