प्रतिनिधि, गिरिडीह/पीरटांड़.
जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन की पावन धरती मकर संक्रांति मैदान में आध्यात्मिक संत सह प्रसिद्ध रामकथा वाचक माेरारी बापू की नौ दिवसीय रामकथा के पांचवें दिन बुधवार को कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भी उमड़ पड़ी. बुधवार की सुबह 10 बजे जैसे ही मोरारी बापू कार्यक्रम स्थल पहुंचे तो श्रद्धालुओं ने अपनी-अपनी जगह पर खड़े होकर उनका स्वागत किया. मौके पर संगीतमय हनुमान चालीसा पाठ शुरू होते ही पूरा कार्यक्रम स्थल भक्तिमय हो उठा. रामकथा में मोरारी बापू ने सनातन धर्म मजबूती को लेकर कई महत्वपूर्ण बातों को रखा. मोरारी बापू ने कहा कि जीवन में चाहे बड़ी से बड़ी विपत्ति आ जाए, लेकिन मनुष्य को सत्य का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए. ऐसा व्यक्ति ही सत्यपुरुष कहा जायेगा. जिस व्यक्ति को गुरु में परमात्मा नहीं दिखता हो, उसे खुद के हृदय में कैसे परमात्मा दिखेगा. जो व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को हल्का समझता हो. वह स्वयं सबसे हल्का व्यक्ति है. मोरारी बापू ने लोगों को जीवन में कैसा आहार करना चाहिए, उसके बारे में भी बताया. कहा कि प्रतिदिन कुछ समय एकांत में बिताना चाहिए. शरीर को उचित नींद देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जीवन विकास के लिए हर अच्छा कार्य करना चाहिए. साथ ही सभी कार्य समय पर करने का पूरा प्रयास करना चाहिए. जब साधु जागे, वही है ब्रह्ममुहूर्त : मोरारी बापू ने कहा कि परमात्मा भय भी पैदा करते हैं एवं भय का नाश भी करते हैं. बापू ने कहा कि ब्रह्म मुहूर्त में जागना चाहिए. जब साधु जागे, वही ब्रह्ममुहूर्त है. जीवों में जागृति आयी, अर्थात सुबह हो गई. मोरारी बापू ने विद्वान की विशेषताएं भी बतायीं. प्रभु श्रीराम के स्वभाव का वर्णन करते हुए कई उदाहरण दिये. प्रेममयी राम की विशेषता को श्रद्धालुओं को बताया. मोरारी बापू ने मर्यादा की व्याख्या भी की. रामकथा के दौरान मोरारी बापू ने विभीषण की जीवनी सहित अन्य विषयों को विस्तार से बताया. रामकथा के सफल आयोजन में मुकेश जालान, गौरव अग्रवाल, पिंकू अग्रवाल, प्रदीप जिंदल, जीआर गर्ग, मुकेश जालान, बांके बिहारी शर्मा, शाहिल शर्मा, नीलकमल भारतीया, अंकित केडिया, आशीष जालान आदि की सराहनीय भूमिका है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है