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सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले मनीष ने उगले कई राज

सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर पांच युवकों से 10.50 लाख रूपये ठगी करने वाले युवक मनीष कुमार करण की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के हाथ इससे जुड़ी कई अहम जानकारी मिली है.

गिरिडीह. सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर पांच युवकों से 10.50 लाख रूपये ठगी करने वाले युवक मनीष कुमार करण की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के हाथ इससे जुड़ी कई अहम जानकारी मिली है. इसके आधार पर पुलिस ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. पूछताछ में मनीष ने इस गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों का भी नाम बताया है. इसके आधार पर पुलिस जांच कर रही है.

क्या है पूरा मामला :

मामला यह है कि मुफस्सिल थाना पुलिस ने बुधवार को गादी श्रीरामपुर के रहने वाले पवन कुमार नामक युवक की शिकायत पर बनियाडीह के अकदोनी कला निवासी मनीष कुमार करण को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 10.50 लाख रुपये ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया. पवन ने पुलिस को बताया था कि मनीष से उसकी दोस्ती सोशल साइट पर हुई. पवन ने कहा कि वह बिना बिना परीक्षा का सरकारी नौकरी दिलवा देगा. मनीष ने कहा कि उसके पास झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल में व ई- कल्याण ओर डाटा मैनेजमेंट ऑपरेटर का बड़ा काम आया है, हम करवा देंगे. जब पवन ने कहा कि परीक्षा तो देनी होगी, तो मनीष ने कहा कि परीक्षा में वह सब हम सेट करवा देगा. इसके बाद पवन ने कहा कि इसके एवज में कितना पैसा देना पड़ेगा तो कहा कि एक आदमी का पांच लाख रुपये देना पड़ेगा. तब पवन ने कहा कि उतना पैसा तो नहीं है. इस पर मनीष ने कहा कि अभी 2.50 लाख रुपए दो और बाकी का पैसा नौकरी लग जाने के बाद दे देना. इसके बाद उसने पहले ढाई लाख ओर फिर अपने दो दोस्त कोलडीहा के पुरुषोत्तम कुमार पटवा व कैलाश जायसवाल के जरिये 1050 लाख रुपये ऑनलाइन पेमेंट कर दिया. कहा कि ये रुपये मनीष को 22 मार्च से लेकर चार मई तक अलग- लग किस्तों में दिया.

व्हाट्सएप पर भेजा था डॉक्यूमेंट वेरिफाई का लेटर :

इस बीच मनीष ने पवन के व्हाट्सएप पर एक लेटर भेजा ओर कहा कि दो से 12 अप्रैल तक डॉक्यूमेंट वेरिफाई होगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जब मनीष से पूछा कि वेरिफिकेशन नहीं हुआ था कहा कि वेरिफिकेशन हो गया है अब 21 अप्रैल को इंटरव्यू होगा. इंटरव्यू भी नहीं हुआ और अचानक मेरिट लिस्ट बनाकर दे दिया गया और कहा कि तुमलोगों का सलेक्शन हो गया है. 29 अप्रैल से तीन मई तक पपरवाटांड़ डीसी ऑफिस में ज्वाइनिंग है. जब तीन मई को डीसी ऑफिस पहुंचा तो वहां हमलोगों को ट्रेनर बोलकर एक आदमी मिलवाया जिसका नाम अविनाश बताया. अविनाश ने कहा कि बीआरसी में फिंगर बायोमीट्रिक करायी जायेगी और आईडी कार्ड दिया जायेगा. इसके बाद उनलोगों को शक हुआ और मनीष से कहा कि हमलोग की नौकरी नहीं लगेगा, तुम हमलोग को बेवकूफ बना रहे हो. तब मनीष ने कहा कि निश्चित रहो तुमलोग का नौकरी हो जायेगा. जब हमलोग ने कहा कि हमें नौकरी नहीं चाहिए, पैसा वापस कर दो, तब मनीष ने अशोक पात्रा के नाम से चेक दिया और कहा कि अगर नौकरी नहीं हुई तो बैंक से पैसा निकाल लेना. उन लोगों ने चेक बैंक में जमा किया, तो यह बाउंस हो गया. मनीष के घर गये तो धमकी दी कि तुमलोग मेरा कुछ नहीं कर सकोगे.

जल्द कई नामों का होगा खुलासा :

मुफस्सिल थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो ने बताया कि मनीष से पूछताछ में गिरोह से जुड़े कुछ अन्य सदस्यों का नाम भी सामने आया है. यह गिरोह काफी बड़ा है और इसमें कई लोग शामिल है. इसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद आगे स्पष्ट हो सकेगा कि मनीषऔर कितने युवकों से ठगी की गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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