जमुआ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर भाजपा प्रत्याशी मंजू कुमारी इस विस क्षेत्र से पहली महिला विधायक बन गयी हैं. हालांकि इनसे पहले कई महिला प्रत्याशी इस सीट से अपना भाग्य आजमा चुकी हैं. लेकिन जीत हासिल नहीं कर पायीं. जमुआ विधानसभा क्षेत्र गठन के बाद यह पहला मौका है जब यहां से कोई महिला उम्मीदवार ने जीत का परचम लहराया है. जमुआ विधानसभा क्षेत्र जिले का एकमात्र एससी के लिए आरक्षित सीट है. जमुआ विस क्षेत्र जब वर्ष 1951 में अस्तित्व में आया, तब यह सामान्य सीट था. वर्ष 1952 में यहां पहली बार चुनाव हुआ. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सदानंद प्रसाद ने जीत हासिल की थी. वर्ष 1977 में जमुआ विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गयी. इसी वर्ष हुए विस चुनाव में जनता पार्टी के प्रत्याशी सुकर रविदास ने जीत हासिल की थी. इसके बाद क्रमश: वर्ष 1980 के चुनाव में कांग्रेस के तानेश्वर आजाद, वर्ष 1985 व 1990 में में सीपीआई के बालदेव हाजरा, वर्ष 1995 में भाजपा के सुकर रविदास, वर्ष 2000 में राजद के बालदेव हाजरा, वर्ष 2005 में भाजपा के केदार हाजरा, वर्ष 2009 में जेवीएम के चंद्रिका महथा एवं वर्ष 2014 एवं 2019 के चुनाव में भाजपा के केदार हाजरा ने जीत हासिल की थी.
भाजपा ने सीटिंग विधायक केदार हाजरा का टिकट काटकर मंजू कुमारी को बनाया था प्रत्याशी
वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने सीटिंग विधायक केदार हाजरा का टिकट काटकर मंजू कुमारी को भाजपा का प्रत्याशी बनाया. मंजू कुमारी को भाजपा प्रत्याशी बनाये जाने पर केदार हाजरा झामुमो में शामिल हो गये और टिकट हासिल कर ली. जमुआ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने पार्टी प्रत्याशी मंजू कुमारी के पक्ष में पूरी ताकत झोंक दी. स्वयं मंजू कुमारी लगातार जनसंपर्क अभियान चलाती रही और सुदूर ग्रामीण इलाकों तक जनता से संपर्क स्थापित किया. भाजपा की चुनावी मुद्दों से जनता को अवगत करा अपने पक्ष में गोलबंदी का सार्थक प्रयास किया. वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष महादेव दुबे भी कमान संभालते रहे. झामुमो के खिलाफ भाजपा ने एक रणनीति बनायी और उसके के तहत चुनावी कार्य करना शुरू कर दिया. इस रणनीति की मॉनिटर्रिंग भाजपा जिलाध्यक्ष महादेव दुबे कर रहे थे. भाजपा प्रत्याशी मंजू के पक्ष में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा चुनावी सभा किया गया. इस संबंध में भाजपा जिलाध्यक्ष महादेव दुबे कहते हैं कि जमुआ विस क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा की गई झूठी घोषणा से जनता को समझाने में सफल रहे. युवाओं को नौकरी, बेरोजगारी भत्ता, महिलाओं को चूल्हा खर्च आदि विषयों को लेकर झामुमो के खिलाफ जनता को गोलबंद किया गया. बेहतर तरीके से बूथ मैनेजमेंट किया गया. परिणामस्वरूप यहां से भाजपा की जीत हुई. इधर, पूर्व विधायक सुकर रविदास ने भी अपनी बेटी सह भाजपा प्रत्याशी मंजू कुमारी के पक्ष में काफी मेहनत किये. जन-जन तक पहुंचने का सार्थक प्रयास हुआ.
तीसरे प्रयास में मंजू को मिली सफलता
भाजपा प्रत्याशी मंजू कुमारी को तीसरे प्रयास में सफलता हासिल हुई और वह जमुआ विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनी. जानकारी के मुताबिक वर्ष 2014 में मंजू कुमारी टीएमसी की टिकट से चुनाव लड़ी थी लेकिन हार गई. पुन: उन्होंने वर्ष 2019 में कांग्रेस की टिकट से चुनावी मैदान में उतरी. इस चुनाव में उन्हें 40293 वोट मिला था और वह दूसरे स्थान पर रही थी. किंतु वर्ष 2024 के विस चुनाव में वह भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ी और जीत का परचम लहराते हुए विधायक बनी.
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