विवेक चंद्र, रांची : राज्य सरकार ने पहली बार नगर निकाय के निर्वाचित प्रतिनिधि को अयोग्य घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की है. फर्जी जाति प्रमाण पत्र इस्तेमाल कर चुनाव जीतने के आरोप में गिरिडीह के मेयर सुनील कुमार पासवान को बरखास्त करने की तैयारी की जा रही है. नगर विकास विभाग ने सुनील कुमार पासवान को शो-कॉज जारी किया है. उन्हें सात दिनों के अंदर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है. पक्ष नहीं रखने पर सरकार एकतरफा कार्रवाई करेगी.
गौरतलब है कि अप्रैल 2018 में हुए नगर निगम चुनाव में सुनील कुमार पासवान ने अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर आरक्षण का लाभ लिया था. झामुमो कार्यकर्ता ने उनके जाति प्रमाण पत्र को संदिग्ध बताते हुए जांच की मांग की थी. जांच के बाद जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया. राज्य के आदिवासी कल्याण आयुक्त के निर्देश पर गिरिडीह के अंचलाधिकारी ने उनके जाति प्रमाणपत्र को रद्द कर मुफस्सिल थाना में मामला दर्ज कराया था. इस मामले में अदालत ने सुनील कुमार पासवान को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया था. उसके बाद से ही वह फरार बताये जाते हैं.
निर्वाचन आयोग ने बताया था बिहार का निवासी : राज्य निर्वाचन आयोग ने गिरिडीह के मेयर सुनील कुमार पासवान को पद से हटाने की अनुशंसा की थी. आयोग ने कहा था कि पासवान बिहार के रहनेवाले हैं. इस कारण उनको झारखंड में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता है. उनका निर्वाचन रद्द कर देना चाहिए. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि गिरिडीह के मेयर का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. आरक्षण का लाभ केवल राज्य के रहनेवाले अनुसूचित जाति के सदस्य को ही प्राप्त हो सकता है.
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राज्य में पहली बार निर्वाचित निकाय प्रतिनिधि के खिलाफ कार्रवाई करेगी सरकार
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वर्ष 2018 में लड़ा था मेयर का चुनाव, जांच में फर्जी पाया गया जाति प्रमाण पत्र
Post by : Prirtish Sahay