प्रवासी मजदूर की मुंबई में मौत, पसरा मातम

19 जुलाई को गिरिडीह जिले के धनवार थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पुरनाडीह के 25 वर्षीय पुत्र विनोद कुमार राय की कांदिवली मुंबई में मौत हो गयी. जानकारी के अनुसार विनोद की तबीयत अचानक बिगड़ गयी थी.

By Prabhat Khabar News Desk | July 21, 2024 11:19 PM

रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य जाने वाले प्रदेश के प्रवासी मजदूरों की मौत होने का सिलसिला नहीं थम रहा है. 19 जुलाई को गिरिडीह जिले के धनवार थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पुरनाडीह के 25 वर्षीय पुत्र विनोद कुमार राय की कांदिवली मुंबई में मौत हो गयी. जानकारी के अनुसार विनोद की तबीयत अचानक बिगड़ गयी थी. उसे बेहतर इलाज के लिए दो दिन पहले शताब्दी हॉस्पिटल कांदिवली में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. मौत की सूचना मिलते ही गांव में मातम छा गया. वहीं, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. जानकारी के अनुसार विनोद 15 दिन पहले ही रोजगार की तलाश में मुंबई के कांदिवली गया था. वह दिहाड़ी मजदूरी का कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था. विनोद का विवाह तीन महीना पहले ही विवाह हुआ था.

परिजनों ने झारखंडी एकता संघ से की मदद की अपील

वहीं इस घटना की सूचना मृतक के परिजनों ने 19 वर्षों से प्रवासी मजदूरों के हितार्थ में कार्य करने वाली संस्था झारखंडी एकता संघ बोरीवली एवं वर्ली इकाई के अध्यक्ष भीम कुमार गुप्ता और उमेश कुमार यादव को दी और शव को गांव ले जाने में मदद की अपील की गयी. संघ के पदाधिकारियों ने मृतक के परिवार वालों को ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. झारखंडी एकता संघ बोरीवली इकाई अध्यक्ष भीम कुमार गुप्ता उर्फ भीम साव, विजय सिंह, मुकेश सिंह, राजेश राय, सुरेश चोधरी, मंटू मोदी, टुनटुन विश्वकर्मा, मोहम्मद इलियास अंसारी, मुमताज अंसारी, विकास कुमार साव, यासमुद्दीन अंसारी, निजाम इराकी, शमीम अंसारी, समीर अंसारी, राजकुमार साव आदि तत्काल शताब्दी हॉस्पिटल कांदिवली पहुंचे और पार्थिव शरीर को गांव भेजने में आर्थिक सहयोग के साथ काफी मदद किया. मौत को लेकर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष असलम अंसारी, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष फिरोज आलम, उपाध्यक्ष सलीम अंसारी, सदरुल शेख़, विनोद प्रसाद, ताज हसन अंसारी, संतोष कुमार, असगर खान, तौफिक अंसारी, प्रकाश यादव, राजेंद्र शर्मा, रवि कुमार, मुस्तकीम अंसारी और मुन्ना प्रसाद आदि ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि झारखंड के प्रवासी मजदूरों का मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई प्रवासी मजदूरों की मौतें देश एवं विदेशों में हो चुकी है. प्रवासी मजदूरों के साथ किसी तरह का हादसा व किसी तरह का समस्या आती है, तो झारखंड के विधायक, सांसद व मंत्री किसी तरह की मदद नहीं करते हैं. मदद के नाम पर सिर्फ आश्वासन दिया जाता है. कहा कि झारखंडी एकता संघ अब तक लगभग 269 प्रवासी मजदूरों का शव झारखंड भेज चुका है. संघ 19 वर्षों से सरकार से प्रवासी कल्याण आयोग के गठन की मांग कर रहा है, जिससे प्रदेश के बाहर रोजगार के लिए गए प्रवासी मजदूरों को सुरक्षा व सहायता मिल सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version