मोदी व हेमंत सरकार किसान विरोधी : किसान महासभा
मोदी व हेमंत की सरकार किसान विरोधी हैं. दोनों ही सरकारों ने अलग-अलग तरीकों से किसानों के साथ वादाखिलाफी की है. ऐसे में किसानों के समक्ष आंदोलन ही एकमात्र विकल्प है.
संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर झंडा मैदान में दिया धरना
गिरिडीह.
मोदी व हेमंत की सरकार किसान विरोधी हैं. दोनों ही सरकारों ने अलग-अलग तरीकों से किसानों के साथ वादाखिलाफी की है. ऐसे में किसानों के समक्ष आंदोलन ही एकमात्र विकल्प है. उन्हें संगठित होकर अपने सवालों पर लड़ाई लड़नी होगी. उक्त बातें शुक्रवार को स्थानीय झंडा मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले आयोजित धरना के दौरान महासभा के नेताओं ने कही. धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता अशोक पासवान तथा संचालन मुस्तकीम अंसारी ने किया. किसान महासभा के राष्ट्रीय नेता पूरन महतो, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश यादव, विजय सिंह, लालमणि यादव, राजेश सिन्हा, अरुण कुमार विद्यार्थी सहित कई अन्य ने भी संबोधित करते हुए मौजूदा समय में किसानों की दशा पर चर्चा कर इसके लिए देश व राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराया. कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के लिए एमएसपी कानून नहीं बनायी, उल्टे कई तरह के बोझ किसानों पर लादकर उनकी हालत और भी बदतर कर दी. वहीं, झारखंड सरकार ने भी किसानों से किया वादा पूरा नहीं किया. गैरमजरुआ जमीन का रसीद कटना अभी तक शुरू नहीं हुआ है. भू-माफिया सरकारी जमीन लूट रहे हैं. अंचल कार्यालय लूट का अड्डा बन चुका है. इसलिए किसानों के अपने सवालों पर लड़ाई जरूरी है. मौके पर शंकर पांडेय, अरुण विद्यार्थी, कैलाश यादव, सहदेव यादव, नागेश्वर यादव, राजेश दास, वीरेंद्र वर्मा, लखन हांसदा, कयूम अंसारी, रिझो महतो, बासदेव साव, बासदेव ठाकुर, रामलाल दास, चेतलाल यादव, सुबित कुमार, प्रयाग दास, शमीम अंसारी, तबारक, नौशाद आलम, मजहर आलम सहित अन्य मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है