संथाल व कोल्हान के रास्ते झारखंड में एक से दो दिनों में पहुंच जायेगा मानसून : डॉ सेठ
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ पंकज सेठ ने कहा कि मानसून आने में हो रही देरी से बारिश में कमी होगी, जिसका असर कृषि कार्य पर पड़ने की संभावना है. कहा कि वर्तमान में पश्चिम बंगाल में मानसून प्रवेश कर गया है.
बेंगाबाद.
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ पंकज सेठ ने कहा कि मानसून आने में हो रही देरी से बारिश में कमी होगी, जिसका असर कृषि कार्य पर पड़ने की संभावना है. कहा कि वर्तमान में पश्चिम बंगाल में मानसून प्रवेश कर गया है. एक से दो दिनों के अंदर पलामू, साहिबगंज और कोल्हान के रास्ते मानसून झारखंड में प्रवेश करेगा. कहा कि झारखंड में हवा के रुख में बदलाव भी इसका संकेत दे रहा है. इस कारण राज्य के कई हिस्सों में बादल छाए हुए हैं. गिरिडीह में भी इसका प्रभाव दिख रहा है. कहा इस बार राज्य में दो सप्ताह विलंब से मानसून आ रहा है. अगले 24 घंटे में राज्य के कुछ हिस्सों में गरज के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है.खेतों की तैयारी में जुट जाएं किसान
प्रधान वैज्ञानिक ने कहा कि मानसून की दस्तक को देखते हुए किसान अपने खेतों की तैयारी शुरू कर दें, ताकि बिचड़े लगाने का काम किया जा सके. उन्होंने कहा कि कम अवधि वाले धान में सरमनी, नवीन, बिरसा विकास धान 1091, आईआर 64, ललाट, अभिषेक, सीआर 320 है जो 90 से 120 दिनों में तैयार हो जाती है. उन्होंने कहा कि मानसून को देखते हुए किसान खेतों की मेड़ को दुरुस्त कर लें, ताकि बारिश के पानी का ठहराव हो सके. कहा लू से बचने के लिए सुबह और शाम में ही खेती कार्य करें. कहा खेतों को अधिक से अधिक बार जुताई करें, ताकि रोपाई कार्य के लिए मिट्टी तैयार हो सके. पशुपालकों को सावधान करते हुए कहा कि इस समय वज्रपात की संभावना ज्यादा होती है. इसके लिए प्रतिदिन मौसम को देखकर ही पशुओं को चारागाह में भेजना सुनिश्चित करें. नयी घास पशुओं को खिलाने के पहले धो लेने की सलाह दी है. कहा कि इससे परजीवी रोग आदया बुखार से बचाव होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है