विशेष अधिकार हनन का मामला लाने को लेकर सांसद ने सीएस को भेजा नोटिस
नोटिस में कहा गया है कि दिनांक 24 जून 2024 को एक पत्र लिखकर कई जानकारियां मांगी गयी थी. लेकिन, पत्र का जवाब नहीं दिया गया. पत्र का जवाब नहीं देना एक सांसद के प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन है और यह मामला विशेष अधिकार हनन की श्रेणी में आता है.
गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने विशेष अधिकार हनन का मामला सदन में लाने को लेकर गिरिडीह के सिविल सर्जन एसपी मिश्रा को नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि दिनांक 24 जून 2024 को एक पत्र लिखकर कई जानकारियां मांगी गयी थी. लेकिन, पत्र का जवाब नहीं दिया गया. पत्र का जवाब नहीं देना एक सांसद के प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन है और यह मामला विशेष अधिकार हनन की श्रेणी में आता है. सवाल किया है कि क्यों नहीं आपके विरुद्ध लोकसभा के अध्यक्ष के पास विशेष अधिकार हनन का मामला लाया जाये? श्री चौधरी ने पत्र में कहा है कि मैं अपने सार्वजनिक जीवन में हमेशा प्रशासनिक पदाधिकारियों, राजकीय चिकित्सकों तथा अन्य राजकीय सेवकों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखता हूं. परंतु, मेरे पत्र का उत्तर ना देकर स्वयं को राजकीय प्रशासनिक कार्य प्रणाली नियमावली व भारत सरकार कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के द्वारा सांसदों के प्रश्नों का उत्तर प्रति उत्तर के संबंध में कई दिशा निर्देश जारी किया गया है, जिसका आपने उल्लंघन किया है जो दंडनीय है.
बड़े पैमाने पर धांधली करने का लगाया है आरोप
श्री चौधरी ने अपने पत्र में सिविल सर्जन पर बड़े पैमाने पर धांधली और गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है. कहा है कि सिविल सर्जन ने अपने क्षेत्र अधिकार में आने वाले समस्त प्रशासनिक कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व नियम विरुद्ध कार्य किये हैं. इन बातों की शिकायत जनप्रतिनिधियों से भी लगातार मिल रही है. बड़े पैमाने पर अवैध गैर कानूनी अस्पताल, नर्सिंग होम तथा अल्ट्रासाउंड जांच घर में कन्या भ्रूण हत्या की जा रही है. उदाहरण स्वरूप सरिया प्रखंड के लक्ष्मी मेडिकल हॉल का उल्लेख भी किया गया है. इसके अलावे 11 बिंदुओं पर चर्चा करते हुए सांसद ने लिखित रूप से जवाब मांगा है.
20 जुलाई को बैठक में सशरीर उपस्थित रहने का निर्देश
सांसद ने पत्र में ही सिविल सर्जन को 20 जुलाई की दोपहर दो बजे सदर अस्पताल के सभागार में आहूत की गयी बैठक में सशरीर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. इस बैठक में जिला के समस्त राजकीय स्वास्थ्य वरीय चिकित्सक प्रभारी की उपस्थिति सुनिश्चित करने का भी निर्देश सिविल सर्जन को दिया गया है. बताया गया है कि 11 बिंदुओं का एजेंडा होगा, जिसे बैठक की कार्यवाही में शामिल की जायेगी.
मैंने नहीं किया प्रोटोकॉल का उल्लंघन : सिविल सर्जन
इधर, सिविल सर्जन डॉ एसपी मिश्रा ने कहा कि पत्र लिखकर जानकारी मांगने की बात बेबुनियाद है. कहा कि उन्हें एक ई-मेल प्राप्त हुआ है, जिसमें बैठक के संबंध में एक तिथि निर्धारित करने का निर्देश प्राप्त हुआ था. उन्होंने कहा कि इस बाबत उन्होंने स्वयं सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी से बात की, जिसमें बताया गया कि वह आजसू के जिलाध्यक्ष से बात कर बैठक की तिथि को निर्धारित कर लें. इस मामले पर उन्होंने आजसू अध्यक्ष से भी दो-दो बार बात की है, लेकिन बैठक की तिथि के संबंध में कुछ तय हो नहीं पाया. वार्ता जारी ही था कि ई-मेल पर नोटिस प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं की गयी है. आरोप आधारहीन है.
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