गर्मी की दस्तक के साथ नियमित जलापूर्ति को ले नगर निगम रेस
सूरज सिन्हा, गिरिडीह : गर्मी की दस्तक के साथ ही जलापूर्ति संयोजन को लेकर नगर निगम रेस है. नगर निगम क्षेत्र में नियमित जलापूर्ति के लिए निगम के पदाधिकारियों व कर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी है. इसके तहत न सिर्फ शहरी क्षेत्र में पानी आपूर्ति संयोजन पर पैनी नजर रखी जायेगी, बल्कि इस कार्य में […]
सूरज सिन्हा, गिरिडीह : गर्मी की दस्तक के साथ ही जलापूर्ति संयोजन को लेकर नगर निगम रेस है. नगर निगम क्षेत्र में नियमित जलापूर्ति के लिए निगम के पदाधिकारियों व कर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी है. इसके तहत न सिर्फ शहरी क्षेत्र में पानी आपूर्ति संयोजन पर पैनी नजर रखी जायेगी, बल्कि इस कार्य में लगे संवेदक के कर्मियों की कार्यशैली की भी कड़ी निगरानी की जायेगी, ताकि जलापूर्ति कार्य में किसी तरह की कोई लापरवाही ना हो. पिछले दिनों बिजली संकट के कारण खंडोली वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (पुराना) से शहरी क्षेत्रों में पांच दिनों तक पानी आपूर्ति ठप रही थी. इससे शहरवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने विद्युत विभाग व नगर निगम के अधिकारियों के साथ खंडोली में बैठक कर गर्मी में शहरवासियों को पानी के लिए किसी तरह से कोई परेशानी न हो इसके बारे में दोनों विभागों के अधिकारियों से ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया.
एक ओर जहां खंडोली वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति के लिए खंडोली में ही पावर सब स्टेशन बनाने पर सहमति बनी, वहीं पानी आपूर्ति संयोजन को लेकर नगर निगम को टीम बनाकर कार्य करने को कहा गया, ताकि समस्या के आलोक में प्राप्त शिकायत पर त्वरित कदम उठाते हुए निष्पादन किया जा सके. बताया जाता है कि विधायक श्री सोनू की पहल पर एक टीम का गठन कर जलापूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिश की गयी है. नगर आयुक्त अनिल कुमार राय टीम गठित कर खुद इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं.
इस बाबत नगर आयुक्त श्री राय ने टीम में शामिल पदाधिकारियों को प्रत्येक दिन की रिपोर्ट देने का आदेश दिया है. नियमित जलापूर्ति किसी चुनौती से कम नहीं शहरी जलापूर्ति योजना की लचर स्थिति का खामियाजा शहरवासियों को हमेशा भुगतना पड़ता रहा है. इसको लेकर कई बार लोगों ने आंदोलन भी किये गये हैं.
बता दें कि शहरी क्षेत्र में खंडोली वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (पुराना व नया प्लांट), चैताडीह वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, महादेव तालाब वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से जलापूर्ति की जाती है. कई वार्ड पार्षदों की यह शिकायत है कि पुराने संयंत्र रहने व संवेदक की लापरवाही के कारण सही तरीके से जलापूर्ति नहीं हो पाती है. नये छह वार्डों में जलापूर्ति के लिए पाइपलाइन विस्तारीकरण पर भी बल दिया जाता रहा है. ऐसे में गर्मी के मौसम में बेहतर तरीके से जलापूर्ति नगर निगम के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.