Giridih News : आपसी समझौता करा 250 परिवारों का घर टूटने से बचाया

Giridih News : महिला थाना में 2024 में करीब 264 शिकायतें दर्ज

By Prabhat Khabar News Desk | November 29, 2024 11:37 PM

Giridih News : विष्णु स्वर्णकार, गिरिडीह. महिला थाना की पुलिस ने इस वर्ष अभी तक आपसी समझौता करवाकर तक़रीबन 250 परिवारों का घर टूटने से बचाया है. पति-पत्नी के बीच होने वाली तकरार घर की चहारदीवारी से निकलकर थाने तक पहुंच गयी, लेकिन पुलिस की सूझबूझ से कई सारे परिवार को टूटने से बचाया जा रहा है. घरेलू हिंसा और पति-पत्नी की तकरार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इन मामलों में नौबत यह आ रही है कि दोनों का ही सब्र टूट रहा है. यही वजह है कि अब अधिकतर मामले पुलिस थाने में पहुंच रही हैं. वहीं, पुलिस इन परिवारों को टूटने से बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.

264 मामलों का निष्पादन :

गिरिडीह महिला पुलिस थाने में 2024 में करीब 264 शिकायतें दर्ज की, जिनमें से 250 मामलों में महिला थाना पुलिस ने महिलाओं की काउंसिलिंग करायी. इसके बाद पति पक्ष के लोगों से भी उनकी समस्याओं, सोच और विचार के मुताबिक गृहस्थी का माहौल बनाने का अनुरोध किया. इससे इन महिलाओं का घर टूटने से बच गया. वहीं, समझाने पर महिलाएं भी अपने पति के साथ खुशी से रहने के लिए राजी हो गयीं. सभी परिवार अब पुरानी बातों को भूलकर खुशी से अपने घर में रह रहे हैं. समझौते के कारण वे कोर्ट कचहरी के चक्कर से भी बचे. हालांकि 11 मामलों में एफआइआर किया गया है.

छोटी मोटी बातों को लेकर होता है विवाद : दीपमाला

महिला थाना प्रभारी दीपमाला कुमारी ने बताया कि ज्यादातर विवाद के विषय गंभीर नहीं थे. छोटी-छोटी बातों को लेकर हुए विवाद महिला थाना में आये. इसका निराकरण थाना की परामर्श टीम में उपस्थित सदस्यों ने सुलझा दिया. इस दौरान बताया गया कि अधिकतर मामला शराब पीकर लड़ाई करना, घर में खाना बनाने को लेकर झगड़ा आदि था. कहा कि मामला आने के बाद दोनों पक्षों को थाना में बुलाकर समझाया जाता है और फिर राजी के साथ घर वापस भेज दिया जाता है. महिला थाना प्रभारी ने कहा कि अगर इन आवेदनों पर कार्रवाई होती, तो संभवत: कई परिवार टूटकर बिखर गये होते. पुलिस का हमेशा से ही सकारात्मक रुख रहता है, ताकि आपसी रिश्तों में आयी खटास दूर कर संबंधों में मिठास घोला जा सके. पुलिस ऐसे मामलों में हर पहलू पर बारीकी से भी जांच-पड़ताल करती है. यदि किसी मामले में वास्तव में महिला पर अत्याचार हुआ है, तो आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई भी की जाती है.

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