खंडोली डैम में गाद की सफाई को लेकर नगर निगम ने शुरू की पहल
शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति करने वाला खंडोली डैम में गाद की सफाई को लेकर नगर निगम ने पहल शुरू कर दी है. गाद की सफाई को लेकर नगर निगम ने नगर विकास व आवास विभाग के सचिव को पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से तमाम पहलू से विभाग को अवगत कराया गया है.
छह नये वार्ड और नये क्षेत्र में जलापूर्ति के 12 एमएडली डब्ल्यूटीपी का है प्रस्ताव
उप नगर आयुक्त ने नगर विकास व आवास विभाग के सचिव को लिखा पत्र
गिरिडीह.
शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति करने वाला खंडोली डैम में गाद की सफाई को लेकर नगर निगम ने पहल शुरू कर दी है. गाद की सफाई को लेकर नगर निगम ने नगर विकास व आवास विभाग के सचिव को पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से तमाम पहलू से विभाग को अवगत कराया गया है. इस संबंध में उप नगर आयुक्त विशालदीप खलखो ने कहा है कि गाद की सफाई को लेकर विभागीय सचिव से पत्राचार किया गया है. आशा है कि इस मसले पर जल्द ही कोई निर्णय लिया जायेगा. जानकारी के मुताबिक नगर प्रशासक ने नगर विकास व आवास विभाग के सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि नगर निगम गिरिडीह का गठन वर्ष 2017 में किये जाने के उपरांत कुल छह नये वार्ड अधिसूचित किये गये हैं. साथ ही कई वार्डों में आंशिक रूप से नये क्षेत्रों को शामिल भी किया गया है. इन क्षेत्रों में पेयजलापूर्ति के लिए जुडको के स्तर से कार्य योजना डीपीआर तैयार किये जाने की कार्रवाई की जा रही है. डीपीआर में खंडोली डैम के पास एक अतिरिक्त 12 एमएलडी क्षमता का डब्ल्यूटीपी निर्माण किये जाने का प्रस्तावित है. कहा गया कि खंडोली डैम से पूर्व में 12 एमएलडी का डब्ल्यूटीपी कार्यरत है, जिससे वर्तमान में शहरी क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में जलापूर्ति सुनिश्चित की जाती है. वर्तमान में खंडोली डैम में गाद जमा होने के कारण जल भंडारण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जिसकी सफाई कराना अति आवश्यक है. बताया गया कि खंडोली डैम जल संसाधन विभाग के अधीन है. सचिव से अनुरोध किया गया है कि खंडोली डैम में गाद की सफाई के लिए संबंधित विभाग को निर्देशित किया जाये.डैम में 15 फीट से अधिक हो गयी है गाद जमा
मालूम रहे कि खंडोली डैम में 15 फीट से ज्यादा गाद जमा हो गया है. गाद के कारण डैम में जलस्रोत विकसित नहीं हो पा रहे हैं. गाद की सफाई कराने को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता समय-समय पर आवाज उठाते रहे हैं. इसके बाद भी गाद की सफाई नहीं हो पायी. शहरी क्षेत्र की बड़ी आबादी खंडोली डैम पर निर्भर है. ऐसे में गाद की सफाई के साथ-साथ इसके विस्तारीकरण पर बल दिया जाता रहा है.निर्माण के बाद से नहीं हुई है गाद की सफाई
जानकार बताते हैं कि खंडोली डैम का निर्माण 1952 में शुरू हुआ और 1956 से जलापूर्ति शुरू हुई. शहरी क्षेत्र के कई हिस्सों में यहां से जलापूर्ति होती है. इस डैम से लगभग सवा लाख की आबादी लाभान्वित होती है. खंडोली में नया व पुराना दो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट है. अब एक अन्य वाटर ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण को लेकर विचार किया जा रहा है. मालूम रहे कि 13 जून को प्रभात खबर ने खंडोली डैम में वर्षों से नहीं हुई गाद की सफाई संबंधित खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. अब नगर निगम ने इस मामले को लेकर पत्राचार किया है, तो शहरवासियों में नई उम्मीद जग गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है