अनिल यादव हत्याकांड में एक नई जानकारी निकलकर सामने आयी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस वक्त सरकारी कर्मी बैजू रविदास के घर में हत्या की घटना को अंजाम दिया गया, उस वक्त बैजू रविदास का दामाद राजकुमार व एक नौकरानी घर के अंदर ही थे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस कमरे में हत्या की घटना को अंजाम दिया गया, उस कमरे में ये दोनों नहीं थे. बाद में हो-हल्ला होने के बाद ये दोनों घटनास्थल पर पहुंचे. बताया जाता है कि बैजू का दामाद ऊपर के कमरे में आराम कर रहा था. इसी बीच उसे शोर सुनायी दिया. जब वह नीचे आया तो अनिल यादव जख्मी हालत में गिरा पड़ा था. राजकुमार ने पुलिस को बताया कि वह हल्ला सुनकर घटनास्थल पर पहुंचा और रोकने का भी प्रयास किया. तब तक अनिल यादव गंभीर रूप से जख्मी होकर जमीन पर तड़प रहा था.
घटना के बाद लायी गयी थी कार
जब घटनास्थल पर ही अनिल यादव की मौत हो गयी तो लाश को छिपाने के लिए बैजू रविदास अपने रिश्तेदारों को फोन करने लगा. इसी क्रम में उसने अपने दामाद की स्विफ्ट कार को घर के बाहर लाया और फिर लाश को लादकर पीरटांड़ के जंगल में फेंक आया. बताया जाता है कि इस दौरान उसने अपने भतीजे से कार की चाभी ली थी.
हत्या में संलिप्तता से दामाद का इनकार
पूरे घटनाक्रम में बैजू रविदास के जिन रिश्तेदारों को बुलाकर एसआईटी की टीम ने बयान दर्ज लिया है, उसमें सभी ने हत्या में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है. दामाद राजकुमार का भी कहना था कि अनिल की मौत होने के बाद वह वहां पहुंचा था.
चार लोगों का बयान रिकार्ड
एसआईटी की टीम ने घटना के मुख्य आरोपी बैजू रविदास को रिमांड पर लेने के बाद उसके चार परिजनों का भी बयान दर्ज किया है. मिली जानकारी के अनुसार उसके रिश्तेदारों में दामाद राजकुमार, भांजा पप्पू, भतीजा विक्रम के साथ-साथ एक नौकरानी से भी पूछताछ की गयी है. इन सभी लोगों का बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने सत्यापन का काम शुरू कर दिया है.
24 घंटे ही की गयी आरोपी से पूछताछ
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी बैजू रविदास को दो दिनों के रिमांड पर लिया था. यानि पुलिस के पास कई सवाल थे जिसका जवाब उन्हें ढूंढना था. लेकिन 48 घंटे के स्थान पर मात्र 24 घंटे में ही पूछताछ की प्रक्रिया पूरी हो गयी. बताया जाता है कि मंगलवार को ही बैजू रविदास को न्यायिक हिरासत में पुन: भेज दिया गया.
बयानों का किया गया क्रास वेरिफिकेशन
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रिमांड पर लिये गये बैजू रविदास के साथ-साथ उसके अन्य रिश्तेदारों से पुलिस बहुत ही गोपनीय तरीके से पूछताछ कर रही है. पूछताछ के क्रम में कई तथ्य पुलिस को मिले हैं, लेकिन इस पूछताछ में संबंधित लोगों ने जो जानकारियां दी है, वह कितनी सच है, इसका पता लगाया जा रहा है. लेकिन पूरे मामले में एक-दूसरे से पूछताछ के दौरान ही क्रास वेरिफिकेशन किया गया है.
पुलिस के डर से भाग गये थे परिजन
आरोपी के रिश्तेदारों से पूछताछ के क्रम में एसआईटी को यह जानकारी मिली है कि घटना के बाद जब परिजनों को इसकी जानकारी मिली तो कई परिजन पुलिस के डर से भाग गये. बयान में भी कई लोगों ने इस बात को स्पष्ट किया है कि वे इस पचड़े में नहीं पड़ना चाहते थे. बताया कि लेन-देन के मामले को लेकर ही दोनों के बीच विवाद हुआ और बात इतनी बढ़ गयी कि स्थिति खून-खराबे तक पहुंच गयी.
हत्या की स्टोरी में आरोपी ने किया ट्विस्ट
क्रास वेरिफिकेशन के बाद यह तो स्पष्ट हो गया है कि हत्या की स्टोरी में घटना के मुख्य आरोपी ने थोड़ी सी ट्विस्ट भी की है. तथ्यों को छिपाने का काम किया गया है. बैजू रविदास ने गिरफ्तारी के बाद पूरी घटनाक्रम को एक स्टोरी की तरह पुलिस अधिकारियों को बताया, लेकिन अपने रिश्तेदारों को बचाने के लिए उसने कुछ वास्तविक तथ्यों को छिपा दिया. बैजू का कहना था कि घटना के वक्त घर के अंदर कोई नहीं था. जबकि पुलिस को जांच-पड़ताल में यह जानकारी मिली कि घटना के वक्त घर के अंदर दो और लोग थे. हालांकि क्रास वेरिफिकेशन के दौरान आरोपी ने अब इस बात को स्वीकार कर लिया है कि घटना के वक्त घर के अंदर उनका दामाद और नौकरानी दूसरे कमरे में थे.
गहरायी से जांच के साथ-साथ वैज्ञानिक तथ्य-साक्ष्य जुटाने का एसपी ने दिया निर्देश
इधर बयान दर्ज होने और कई तथ्यों के मिलने के बाद एसआईटी की टीम ने हत्याकांड की गहन छानबीन और तेज कर दी है. बताया जाता है कि इस मामले में एसपी दीपक कुमार शर्मा ने भी एसआईटी को निर्देश दिया है कि वे मामले की गहरायी तक जायें और तथ्य के साथ-साथ तमाम साक्ष्य वैज्ञानिक तरीके से संग्रह करें. इस कांड में किसी की संलिप्तता है या नहीं, इसका भी अध्ययन सुक्ष्म तरीके से करने का निर्देश एसपी ने दिया है. इस निर्देश के बाद पुलिस उन तमाम लोगों का मोबाइल लोकेशन पता करने में जुट गयी है जिनपर किसी तरह का संदेह उत्पन्न हुआ है. साथ ही सीसीटीवी फूटेज के आधार पर भी सभी तथ्यों को एक-दूसरे से जोड़ने का काम किया जा रहा है. बयान रिकार्ड करने के बाद पुलिस अब माइक्रो लेबल पर पूरे मामले की जांच कर रही है. किसी भी स्थिति में आरोपी बचे नहीं और निर्दोष फंसे नहीं, के आधार पर पुलिस जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है