रेल चक्का जाम मामले में साक्ष्य के अभाव में नौ बरी
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने रेल चक्का जाम के मामले में साक्ष्य के अभाव में नौ लोगों को बरी कर दिया है. बता दें कि चार नवंबर 2016 को झारखंड सरकार के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री सह झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी के निर्देश पर 48 घंटा का रेल चक्का जाम किया गया था.
गिरिडीह. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने रेल चक्का जाम के मामले में साक्ष्य के अभाव में नौ लोगों को बरी कर दिया है. बता दें कि चार नवंबर 2016 को झारखंड सरकार के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री सह झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी के निर्देश पर 48 घंटा का रेल चक्का जाम किया गया था. इस मामले को लेकर उस तत्कालीन जिला प्रशासन ने सरिया थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें कई लोगों को आरोपी बनाया था. इस मामले में गिरिडीह के सीजीएम कोर्ट में सुनवाई हुई. शुक्रवार को सीजीएम सौरव गौतम के न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में नौ लोगों को बरी कर दिया है. बचाव पक्ष के अधिवक्ता कृष्णकांत सिंह, चुन्नूकांत और महिप मयंक ने बताया कि वर्ष 2016 में रेल चक्का जाम आंदोलन में कई लोगों को आरोपी बनाया गया था, लेकिन साक्ष्य नहीं मिला. साक्ष्य के अभाव में राजदेव साव, नुनूलाल मरांडी, रजनिकोर, इकबाल अंसारी, मनीष मंडल, सुलेमान अंसारी, जसीमुद्दीन अंसारी, दिनेश यादव और बालगोविंद मंडल को न्यायालय ने बरी कर दिया है.
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