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नदियों से उठाव रोकने के बजाय रोड पर बालू लदे वाहनों के आने का इंतजार करते हैं अधिकारी

धनवार के सीओ का दावा है कि अवैध बालू और खनिज संपदा का कारोबार सिंडिकेट के माध्यम से चल रहा है. लेकिन पुलिस और खनन विभाग के आंकड़े देखें तो अब तक कई लोगों से जुर्माना तो वसूला गया है, पर अवैध बालू उठाव के मामले में एनजीटी के आदेश के एक माह बावजूद एक भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है.

धनवार के सीओ का दावा है कि अवैध बालू और खनिज संपदा का कारोबार सिंडिकेट के माध्यम से चल रहा है. लेकिन पुलिस और खनन विभाग के आंकड़े देखें तो अब तक कई लोगों से जुर्माना तो वसूला गया है, पर अवैध बालू उठाव के मामले में एनजीटी के आदेश के एक माह बावजूद एक भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है. 10 जून से नदियों से बालू उठाव पर लगी है रोक : विदित हो कि भू क्षरण को रोकने, नदियों में बालू के जमा होने और पर्यावरण संरक्षण को लेकर एनजीटी ने 10 जून से नदियों से बालू उठाव पर रोक लगा दी है. बावजूद इसके धनवार अंचल क्षेत्र में बालू का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. बारिश के पूर्व तक धनवार क्षेत्र में कई वाहनों से बालू उठाव नदियों से किया जा रहा था, पर बालू उठाव रोकने के लिए अधिकारियों ने गत एक माह में कभी कोई ठोस पहल नहीं की. सूत्रों के अनुसार संबंधित अधिकारियों को इनकी जानकारी है, पर वे अवैध बालू लदे वाहनों का रोड पर आने का इंतजार करते रहते हैं ताकि ऐसे लोगों को पकड़कर मोल-तोल किया जा सके.

नियमित समीक्षा का निर्देश : विदित हो कि धनवार के इलाके से इरगा नदी गुजरती है और यहां कई घाट हैं जहां से बालू का उठाव धड़ल्ले से किया जा रहा है. इसमें बरजो, बलवागढ़, परसन, हुंडराटांड़, हुडरेक और कोरियाडीह हैं. परसन, हुंडराटांड़ और कोरियाडीह के घाटों से सबसे ज्यादा अवैध बालू उठाव और परिवहन किया जा रहा है. गौरतलब है कि एनजीटी के आदेश के बावजूद नदियों से बालू का उठाव हो रहा है. जबकि जिला टास्क फोर्स समिति ने अनुमंडलीय स्तर पर गठित टास्क फोर्स को यह स्पष्ट आदेश दे रखा है कि किसी भी स्थिति में खनिजों का अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण की छूट नहीं देनी है. इसके लिए अधिकारियों को प्रत्येक माह बैठक कर स्थिति की समीक्षा करने का भी निर्देश गिरिडीह के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने कई बैठकों में दी है.

होटल व पेट्रोल पंप में खड़ी गाड़ियों को किया जाता है टारगेट

सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ माह से बालू के साथ-साथ अन्य खनिजों के अवैध परिवहन को लेकर पकड़े जा रहे वाहनों से खुलेआम मोल-तोल कर अवैध वसूली की जा रही है. कुछ मामलों में जुर्माना सरकारी कोष में जमा कराया जा रहा है, तो कई मामलों में अवैध वसूली कर वाहन छोड़ भी दिये जा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि हाल के दिनों में कई वाहनों को उस वक्त पकड़ा गया जब वह होटल या पेट्रोल पंप के पास खड़े थे. इनमें से कुछ मामलों में वाहन पकड़े जाने के बाद के समय का चालान दिखाया गया है. इस मामले पर जिला खनन पदाधिकारी सत्यजीत का कहना है कि वाहन पकड़े जाने के बाद का चालान यदि दर्शाया जा रहा है तो यह गलत है. ऐसे मामलों में जुर्माना या विधिसम्मत कार्रवाई किये जाने का प्रावधान है.

एक माह में बालू के अवैध उठाव मामले में नहीं हुई है प्राथमिकी : नंदूपाल

नदियों से अवैध बालू उठाव के मामले में जब राजधनवार के थाना प्रभारी नंदूपाल और खनन इंस्पेक्टर अभिजीत मजूमदार ने स्वीकार किया कि पकड़े जाने के बाद कुछ लोगों से जुर्माना किया गया है, पर गत एक माह में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है. श्री मजूमदार ने बताया कि सूचना मिलने पर जिला स्तर पर हमलोग नदियों के घाटों से भी बालू के अवैध उठाव को रोकते हैं, छापेमारी की जाती है और प्राथमिकियां भी दर्ज होती हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राजधनवार के मामले में न ही अब तक इस तरह की कोई सूचना मिली है और न ही नदियों से बालू उठाव के दौरान कोई कार्रवाई की गयी है.

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