बगोदर थाना क्षेत्र के नावाडीह के बरईबारी निवासी मजदूर संतोष कुमार की मलेशिया में तबीयत बिगड़ने से मौत हो गयी थी. इसे लेकर मृतक संतोष महतो के परिजन कंपनी से उचित मुआवजा और शव भेजने की गुहार लगा रहे थे. घटना के 12 दिनों के बाद कंपनी से जुड़े पदाधिकारी मृतक संतोष महतो के घर पहुंचे और मृतक के परिजनों को दो लाख नगद और दस लाख एकाउंट में भेजा गया. इसे लेकर परिजन और कंपनी के पदाधिकारियों के बीच समझौता नामा भी हुआ. कंपनी से जुड़े पदाधिकारियों ने जल्द मृतक संतोष महतो का शव भी भेजने की बात कही.30 जून को संतोष की तबीयत बिगड़ने से मलेशिया में हो गयी थी मौत : बता दें कि संतोष महतो मई माह में एलएंडएनटी कंपनी में मजदूरी करने मलेशिया गया था, जहां तबीयत बिगड़ने के बाद इलाज के क्रम में 30 जून को उसकी मौत हो गयी थी. परिजनों ने झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम महतो से मदद की गुहार लगायी थी, जिस पर उन्होंने कंपनी के पदाधिकारियों से बात कर पीड़ित परिवार से वार्ता कर सहयोग की अपील की.
जेबीकेएसएस के पदाधिकारियों ने की वार्ता :
शुक्रवार को ग्रामीणों एवं परिजनों की उपस्थिति में कंपनी के पदाधिकारियों के साथ जेबीकेएसएस के पदाधिकारियों ने वार्ता की. दोनों पक्षों की सहमति से पीड़ित परिवार को कंपनी की ओर से दो लाख नगद और दस लाख रुपये खाते में मुआवजा का भुगतान कर दिया गया. साथ ही मृतक के पार्थिव शरीर को घर तक लाने की जिम्मेदारी कंपनी ने ली है. इस दौरान मुख्य रूप से कंपनी के अभिजीत सरकार, अरूप पाल, अरविंद कुमार दत्ता, सोमनाथ डे एवं झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के केंद्रीय महासचिव दिनेश साहू, केंद्रीय संगठन मंत्री महेंद्र उर्फ माही पटेल, सिकंदर अली, शाहिद अंसारी, डुमरचंद महतो, राजेश प्रसाद, नारायण महतो, पप्पू महतो, प्रदीप सिंह, उमेश कुमार, पिंटू कुमार, रघु महतो, सरयू महतो समेत अन्य ग्रामीण उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है