जांच टीम ने आइएमआइएस में हर घर जल की रिपोर्टिंग करने वाले क्षेत्रीय तत्कालीन पर्यवेक्षक, संबंधित विभागीय लिपिक तथा संबंधित आइएमआइएस ऑपरेटर को चिह्नित कर उनकी पूर्ण विवरणी अविलंब उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने को कहा है, ताकि उनकी जवाबदेही तय कर समय पर उपायुक्त विभाग को रिपोर्ट भेज सकें. जांच रिपोर्ट समर्पित करने के बाद डीसी के निर्देश पर पेयजल व स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता से आइएमआइएस की गलत इंट्री और सरकार को गलत रिपोर्ट देने के मामले में दोषी अधिकारियों और कर्मियों को चिह्नित कर रिपोर्ट करने को कहा गया है, जिसकी संलिप्तता फॉल्स रिपोर्टिंग में रही है.
सहायक अभियंता व कनीय अभियंता की मौजूदगी में हुई जांच
जांच टीम ने स्थल निरीक्षण के बाद चौंकाने वाला खुलासा किया है. पारगो तलैया गांव जल जीवन मिशन से आच्छादित ही नहीं है. रिपोर्ट में कहा गया है कि गांव में कोई काम नहीं हुआ है और फर्जी तरीके से हर घर जल की रिपोर्ट कर दी गयी. बताते चलें कि पेयजल व स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव मस्तराम मीणा के निर्देश के बाद डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने डुमरी के एलआरडीसी और बीडीओ को जांच का निर्देश दिया था. स्थलीय जांच पेयजल व स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता और सहायक अभियंता की उपस्थिति में की गयी, जिसमें पाया गया कि फॉल्स रिपोर्टिंग और फॉल्स आइएमआइएस इंट्री की गयी है.308 घरों, स्कूल व आंगनबाड़ी में कनेक्शन देने की बात फर्जी
जल जीवन मिशन के पोर्टल पर पारगो तलैया गांव के सभी 308 घरों के अलावा स्कूल व आंगनबाड़ी में कनेक्शन देने की फर्जी इंट्री की गयी है. ऑनलाइन इंट्री में दो योजनाओं से जल की आपूर्ति दिखायी गयी है. हर घर के अलावा अपग्रेडेड सरकारी मध्य विद्यालय पारगो तलैया समेत बड़ा टोला, बड़कीटांड़, पदरियाटांड़ और पारगो तलैया आंगनबाड़ी केंद्र में नल कनेक्शन देने की फर्जी रिपोर्ट की गयी है. जांच में इन स्थानों पर कहीं भी नल का कनेक्शन नहीं पाया गया.बिना नल कनेक्शन के ही दे दी पानी की शुद्धता रिपोर्ट
पारगो तलैया गांव में एक भी नल कनेक्शन नहीं है. बावजूद पानी की शुद्धता की रिपोर्ट तक पोर्टल पर अपलोड कर दी गयी. शुद्धता रिपोर्ट में दिखाया गया है कि पानी का सेंपल बड़े टोला के आंगनबाड़ी केंद्र और महादेव मांझी के घर के समीप के ट्यूबवेल से लिया गया है. इसमें यह भी बताया गया है कि एक सेंपल की जांच लेबोरेटरी से करायी गयी है, जबकि दूसरे सेंपल की जांच फील्ड टेस्ट किट से हुई. दोनों ही सेंपल की टेस्ट रिपोर्ट में सेफ स्टेटस बताया गया है.दोषी लोगों को चिह्नित कर रिपोर्ट मांगी गयी है : डीसी
पेयजल व स्वच्छता विभाग के कर्मियों व अधिकारियों ने फॉल्स रिपोर्टिंग की है. पोर्टल पर गलत आइएमआइएस इंट्री हुई है. फॉल्स रिपोर्टिंग के मामले में पेयजल व स्वच्छता विभाग को कार्यपालक अभियंता से दोषी लोगों को चिह्नित करते हुए रिपोर्ट मांगी गयी है. रिपोर्ट मिलते ही कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी. – नमन प्रियेश लकड़ा, उपायुक्त(संवादताता- राकेश सिन्हा, गिरिडीह)
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