परेशानी. खेत-खलिहान में रखे फसल को बचाने में जुटे किसान, प्लास्टिक व तिरपाल का ले रहे सहारा
अभी कहीं खेत तो कहीं खलिहान में धान व धान का बोझा रखा हुआ. इधर, सोमवार को अचानक शुरू हुई बारिश से फसल के नुकसान की आशंका बढ़ गयी है. बेमौसम बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. किसान जैसे-तैसे धान की फसल बचाने में जुट हुए हैं. पूरे जिले में अभी धन कटनी चल रही है. कोई धान काट कर खेत की मेड़ पर, तो कोई खलिहान में जमा कर रखे हैं. कहीं-कहीं धान झाड़ने का भी काम चल रहा है, लेकिन इस बीच सोमवार की अहल सुबह से ही बेमौसम बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी. आनन-फानन में किसान धान को पानी से बचाने की जुगत में जुट गये. कोई धान की ढेर में प्लास्टिक, तो कोई तिरपाल से ढंकने लगे. हालांकि सुबह से दोपहर तक लगातार बारिश ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है.लगातार बारिश से धान हो जायेगा अंकुरित
कृषक प्यारी सिंह, अनवर अंसारी, भागवत सिंह, बालेश्वर राय, राजेश वर्मा आदि ने बताया कि एकाध दिन बारिश से धान को ज्यादा नुकसान नहीं होगा, लेकिन यदि लगातार बारिश हुई तो खेत से लेकर खलिहान तक डंप किये गए धान के बंडल के खराब होने की आशंका लगातार बारिश हुई तो धान में अंकुरित हो जायेगा.गांडेय.
सोमवार की सुबह से लगातार हो रही बारिश से किसान परेशान है. किसान खेत-खलिहान में रखे धान के बंडल को बचाने में लहे हुए हैं. हालांकि, खेत में लगे धान को कोई नुकसान नहीं होगा. बीएओ सुजीत कुमार वर्मा ने बताया कि एकाध दिन की बारिश से धान को नुकसान की संभावना नहीं है. कहा कि लगातार बारिश हुई तो धान की फसल बर्बाद हो सकता है.असमय बरसात से किसान चिंतित
गावां में असमय वर्षा से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस वर्ष धान की फसल अच्छी रहने से किसान खुश थे. इस समय क्षेत्र में धन की कटाई का काम चल रहा है. काफी किसानों का धान खेत में काटकर रखा गया है. वहीं, खलिहानों में भी धान का बोझा लाया गया है. इधर, अचानक बारिश होने से धान भीगने से इसके खराब होने की आशंका जतायी जा रही है. किसानों का कहना है कि यदि दो-तीन दिन तक मौसम ऐसा ही रहा, तो धान अंकुरित होकर पुरी तरह नष्ट हो सकता है. कुछ किसान त्रिपाल से ढककर धान के बोझे की रक्षा कर रहे हैं.
आलू व सरसों की फसल पर भी प्रतिकूल असर
वर्षा के कारण आलू, सरसों समेत अन्य फसलों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. सरसों के फूल झड़ने से उत्पादन प्रभावित हो सकता है. वहीं आलू की जड़ में पानी जमा होने से इसमें दाग आ जायेगा. दागदार आलू बेचने में किसानों को परेशानी होगी. पिहरा के किसान राजकुमार सिंह, अश्विनी प्रसाद यादव, गावां के उपेंद्र सिंह, मिल्खा के राजेंद्र पांडेय ने कहा कि असमय वर्षा से भारी क्षति हो सकती है. इस समय धान की कटाई समाप्त होने की कगार पर है. कटा हुआ धान खेत-खलिहानों में पड़ा है, जिसके नष्ट होने से काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है