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जल मीनारों के बंद रहने से लोगों में आक्रोश

एक तरफ सरकार पेयजलापूर्ति के लिए लाखों रुपये खर्च कर रही है. वहीं दूसरी तरफ दो वर्षों पूर्व लगाये गये अधिकांश जलमीनार खराब पड़े हैं.

गावां.

एक तरफ सरकार पेयजलापूर्ति के लिए लाखों रुपये खर्च कर रही है. वहीं दूसरी तरफ दो वर्षों पूर्व लगाये गये अधिकांश जलमीनार खराब पड़े हैं. प्रखंड की लगभग सभी पंचायतों में 15वें वित्त से जलमीनार लगवाया गया था. एक दो को छोड़ कर अधिकांश जलमीनार खराब पड़े हैं. कई जलमीनार पांच-छह माह में ही खराब हो गये. इस समय क्षेत्र भीषण गर्मी की चपेट में है. लोग पेयजल के लिए परेशान हैं. बावजूद इन जलमीनारों को ज्यों का त्यों छोड़ दिया गया है. प्रखंड स्थित पिहरा पूर्वी पंचायत में पिहरा हाट परिसर, मानपुर अड़वरिया चौक, माल्डा पंचायत में पांडेयडीह गांव, माल्डा मुशहरिया में लगभग ढेढ़ वर्ष से जलमीनार खराब पड़ा है. लगभग यही स्थिति अन्य पंचायतों की भी है. गर्मी में भी जलमीनारों के दुरूस्त नहीं करवाये जाने से ग्रामीणों में आक्रोश है.

क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि व ग्रामीण

क्षेत्र के लोग पेयजल की किल्लत से जूझ रहे हैं. पूर्व में लगाये गये अधिकांश जलमीनार इस समय शोभा की वस्तु बनकर रह गये हैं. बावजूद पुराने जलमीनारों की मरम्मत नहीं हो पा रही है. मामले को आगामी बैठक में उठाया जायेगा. आवश्यकता पड़ी तो आंदोलन भी होगा.

नाजिया खातून, जिप सदस्य

जलमीनार की मरम्मति के लिे माल्डा पंचायत के ग्रामीणों ने विभाग को आवेदन दिया, लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं हो हुई. माल्डा, पांडेयडीह व मुशहरी टोला में चापाकल खराब पड़े हैं. लोग पेयजल के लिए परेशाने हैं. पदाधिकारियों को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए.

राजेंद्र पांडेय, माल्डा

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