बिजली-पानी संकट से जनता का हाल बेहाल, राजनीतिक दलों ने की व्यवस्था सुधार की मांग
इन दिनों तपती गर्मी में बिजली-पानी के संकट से लोगों का हाल बेहाल है. एक ओर जहां बिजली की अनियमित सप्लाई से लोगों को उमस भरी गर्मी में रतजगा करना पड़ रहा है.
प्रतिनिधि, गिरिडीह
इन दिनों तपती गर्मी में बिजली-पानी के संकट से लोगों का हाल बेहाल है. एक ओर जहां बिजली की अनियमित सप्लाई से लोगों को उमस भरी गर्मी में रतजग्गा करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति की लचर व्यवस्था लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. लोग लगातार इन व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने की मांग कर रहे हैं. इसके बावजूद सिस्टम में सुधार नहीं हो पा रहा है. लिहाजा लोगों में नाराजगी है. इन समस्याओं को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने सिस्टम में सुधार करते हुए जनसुविधा पर विशेष ध्यान देने की मांग की है.क्या कहते हैं नेता
कई जलमीनार बंद पड़े हैं. छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान को लेकर संबंधित विभाग के पदाधिकारी कोई पहल नहीं कर रहे हैं. अलगुंदा का चेंगरवासा में पानी की समस्या है. जलश्रोत सूख गया है. इस तरह के कई मामले हैं. बिजली की लचर व्यवस्था है. ट्रांसफार्मर रोज फेल हो रहे हैं. बिजली विभाग के अधिकारी सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं. शहर से ग्रामीण इलाकों तक के लोग त्रस्त हैं.दिलीप वर्मा, प्रदेश मंत्री, भाजपा
शहर में पेयजल के लिए लोग परेशान हैं. नगर निगम को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए. नगर निगम के पदाधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें. शहरी क्षेत्र में नियमित रूप से पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. कई मोहल्लों में पाइप लाइन की व्यवस्था नहीं है. वितरण व्यवस्था दुरुस्त करने की जरूरत है. पदाधिकारी ध्यान दें अन्यथा उच्च स्तर पर मंत्रियों से बात कर व्यवस्था दुरुस्त कराने का प्रयास करेंगे. –
सतीश केडिया, कार्यकारी जिलाध्यक्ष, कांग्रेस
पानी और बिजली की समस्या से लोगों का हाल बेहाल है. उमस भरी गर्मी और उपर से बिजली भी 24 घंटे में काफी कम ही रहती है. जगह जगह पानी की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. कहीं चापानल नहीं लगा है. अगर लगा है तो वह भी खराब हो गया. नल जल योजना भी फेल है. विधायक को लोगों की समस्याओं से सरोकार नहीं है. बिजली-पानी की समस्या दूर नहीं की गयी तो हम आंदोलन करेंगे.प्रो विनीता कुमारी, प्रदेश मंत्री, भाजपा महिला मोर्चा
चुनाव खत्म होते ही जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है. शहर-गांव के लोग इस वक्त गंभीर रूप से पानी और बिजली का संकट झेल रहे हैं. इस परिस्थिति में जनता जबकि पूरी तरह से बेहाल है, तो अधिकांश प्रतिनिधि और पदाधिकारी एसी में आराम फरमा रहे हैं. जिस ग्रामीण जलापूर्ति योजना को दिखाकर लोगों का वोट लिया वे भी अधिकांशतः फेल हो चुकी हैं. समस्या पर जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए.राजेश यादव, भाकपा माले नेता
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