सत्तुआन पर्व पर लोगों ने घरों में की पूजा
गिरिडीह : चैत मास के अंतिम दिन और वैशाख शुरू होने के साथ ही हिंदू समाज के लोग सत्तुआनी पर्व मनाते हैं. इस दिन लोग अपने पूजा घर में मिट्टी या पीतल के घड़े में आम का पत्ता डालकर कर यह पूजा करते हैं. इस दिन दाल से बने सत्तू खाने की परंपरा है. गिरिडीह […]
गिरिडीह : चैत मास के अंतिम दिन और वैशाख शुरू होने के साथ ही हिंदू समाज के लोग सत्तुआनी पर्व मनाते हैं. इस दिन लोग अपने पूजा घर में मिट्टी या पीतल के घड़े में आम का पत्ता डालकर कर यह पूजा करते हैं. इस दिन दाल से बने सत्तू खाने की परंपरा है. गिरिडीह में भी यह पर्व सोमवार को मनाया गया. इस दौरान लोगों ने घरों में ही सत्तू व गुड़ से पूजा की. पूजा के बाद लोगों ने सत्तू को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया.
इस बाबत पंडित शास्त्री नगर दुर्गा मंडप के पुजारी गोपाल पांडेय ने बताया झारखंड में इस पर्व को बिशुआ पर्व के नाम के रूप में भी जाना जाता है. इसदिन लोग शंकर भगवान की पूजा की जाती है और भगवान भोलेनाथ पर सत्तु चढ़ाया जाता है. इसके बाद अमोली (आम का छोटा रूप) को खाया जाता है. वैशाख माह की शुरुआत में यह पूजा की जाती है. बताया कि लॉकडाउन के कारण मंदिरों बंद रहने के कारण लोगों ने अपने-अपने घरों में ही यह पर्व मनाया.