Giridih News: तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों से गुलजार हो रहा है विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन

Giridih News: विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन इन दिनों तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों की भीड़ से गुलजार हो रहा है. एक ओर जहां देश विदेश से आये तीर्थयात्री पर्वत वंदना व प्रवचनों में मग्न हैं, वहीं दूसरी ओर विभिन्न जिलों से स्कूली बच्चे व अन्य पर्यटक भी पारसनाथ की मनोरम वादियों का सुख उठा रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 22, 2024 11:00 PM

यूं तो साधु संतों व तीर्थ यात्रियों का शिखरजी आगमन व कार्यक्रम हमेशा चलता रहता है. लेकिन दिसंबर माह के आगमन होते ही पारसनाथ की पवित्र धरा जो जैन समुदाय के चौबीस में से बीस तीर्थंकरो की निर्वाण भूमि है. ऐसे पवित्र धरा पर गैर धार्मिक पर्यटकों का भी आगमन शुरू हो जाता है. दिसंबर माह की शुरुआत से ही पर्यटकों से भरी गाड़ियों का आगमन होने लगता है. विभिन्न जिलों से आये कुछ पर्यटक तो पारसनाथ पर्वत भी जाते हैं, लेकिन कुछ पर्यटक मधुबन में बने भव्य मंदिरों का दर्शन व म्युजियम देखकर मन बहलाते हैं. कुछ पर्यटक पर्वत की आधी दूरी तय कर कली कुंड से ही वापस आ जाते है. अहिंसा परमो धर्म से विख्यात यह धरा लोगों के मन को खूब लुभाता है. नित्त दिन मधुबन में धार्मिक कार्यक्रमों की धूम मची रहती है. धार्मिक मंत्रोच्चार से पूरा मधुबन गुंजायमान हो उठता है. देश विदेश से आये तीर्थयात्री साधु संतों के प्रवचनों का श्रवण करते है. इन दिनों भी मधुबन में विभिन्न संस्थाओं कई धार्मिक कार्यक्रम चल रहा है. देश विदेश से आये जैन तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों द्वारा मधुबन में लगी दुकानों में काफी भीड़ देखने को मिल रही है. कपड़ों की दुकान एवं श्रृंगार दुकानों में ज्यादा भीड़ देखी जा रही है. जबकि लोग पारसनाथ आकर यहां की निशानी के रूप में मूर्तियों को ले जाना पसंद करते हैं. चाय दुकानों में चाय एवं सुबह व शाम को मिट्टी के भाड़ में दूध पीने के लिये भी लोगों की भीड़ देखी जाती है. प्रकृति की अनुपम छटा से पटा पारसनाथ की दर्शनीय दृश्य को देखने उत्सुकता से लोगों का आगमन होता है. मधुबन में सभी प्रकार के वाहनों का भी व्यवस्था ट्रेवल्स में मिलता है. दर्जनों ट्रेवल्स हैं जहां मनमुताबिक वाहन किराए पर मिलता है जिससे पर्यटक अथवा तीर्थयात्री अपने गंतव्य को प्रस्थान कर सकते है.

संस्थाओं के भोजनालय में उत्तम भोजन की व्यवस्था हैं जहां सूर्यास्त से पूर्व तक पवित्र भोजन भी मिलता है. इस दौरान यात्रियों एवं पर्यटकों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा सुरक्षा का चाक चौबंद व्यवस्था किया गया है. पहाड़ की तलहटी की ओर जाने के लिए रिंग रोड का इस्तेमाल करना पड़ता है ताकि लोगों को जाम से निजात मिल सके. इन दिनों पर्वत वंदना में सबसे बड़ी चुनौती स्वास्थ्य व्यवस्था बना हुआ है. आये दिन पर्वत वंदना के दौरान हर्ट अटैक से कई तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है. उनका तत्काल उपचार हेतु कोई विशेष सुविधा उपलब्ध नहीं है. कड़ाके की ठंड में रात एक बजे से ही यात्री पर्वत वंदना के लिए निकलने लगते हैं जिसके वजह से कई यात्रियों को अब तक ठंड का शिकार होना पड़ गया है. हृदयघात से कई लोगों की जान जा चुकी है.

मदिरा व मांसाहार है वर्जित :

लोगों की भीड़ शिखरजी व पारसनाथ पहाड़ के मनोरम दृश्य को देखने काफी संख्या में आती है. लेकिन पारसनाथ की पवित्र धरा में मदिरा एवं मांसाहार पूरी तरह वर्जित है. कैसे पहुंचे मधुबन : डुमरी मोड़ से गिरिडीह के मार्ग में आने के क्रम में मधुबन मोड़ से लगभग तीन किलोमीटर एवं गिरिडीह से आने के लिए डुमरी के रास्ते मधुबन मोड़ से मधुबन जा सकते हैं.

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