नकली घी बेचे जाने की सूचना पर गिरिडीह में पूर्व सांसद डॉ रविंद्र कुमार राय के आवास पर रेड, पूछताछ के बाद पुलिस ने सभी को छोड़ा
नकली घी बेचे जाने की सूचना मिलने पर पुलिस ने गिरिडीह में पूर्व सांसद डॉ रविंद्र कुमार राय के आवास पर छापेमारी की. पूछताछ के बाद पुलिस ने सभी को छोड़ दिया.
राजधनवार (गिरिडीह): झारखंड के गिरिडीह जिले के धनवार नौलखा डैम के पास नकली घी की गुप्त सूचना पर शुक्रवार देर रात धनवार पुलिस ने पूर्व सांसद डॉ रविंद्र कुमार राय के आवास पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान छह स्टाइल केन में लगभग दस किलो घी के साथ छह लोगों को पूछताछ के लिए धनवार थाना ले जाया गया. पूछताछ के बाद पुलिस ने सभी को आधार कार्ड लेकर शनिवार सुबह छोड़ दिया.
नकली देसी घी बेचे जाने की सूचना पर रेड
मिली जानकारी के मुताबिक नौलखा डैम के पास पूर्व सांसद डॉ रविंद्र कुमार राय का आवास है, जिसे उन्होंने निगरानी के लिए एक स्थानीय व्यक्ति को सौंप दिया है. इसी के तहत उस व्यक्ति ने बिहार से फेरी करने आये कुछ लोगों को रात में आवास पर रहने की अनुमति दी थी. वहां ठहरे व्यक्ति देसी घी का कारोबार कर रहे थे. पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि वहां पर नकली देसी घी बनाकर बाजार में बेचा जाता है. सूचना पर पुलिस ने वहां रखे दस किलोग्राम के छह स्टील केन में भरा हुआ घी को जब्त किया है और बिहार के खगड़िया जिला निवासी लालू यादव, सतीश कुमार, सिंटू कुमार, दीपक यादव समेत छह लोगों को थाना ले जाया गया था. थाना प्रभारी नंदु पाल ने बताया कि शुक्रवार देर रात को छापेमारी की गयी थी. छापेमारी में दस स्टील केन में घी मिली. उन लोगों ने बताया कि बिहार से हमलोग घी लाकर बेचने का काम करते हैं. पूछताछ के बाद उनलोगों को छोड़ दिया गया.
खोरीमहुआ एसडीपीओ को मामले की जानकारी नहीं
खोरीमहुआ एसडीपीओ नीरज कुमार ने पूछे जाने पर बताया कि मुझे इस बाबत कोई जानकारी नहीं है. इधर, पूछने पर मकान मालिक सह पूर्व सांसद डॉ रविंद्र कुमार राय के द्वारा रखे गए घर के संरक्षक कृष्णा चौधरी ने कहा कि नौलखा डैम मार्ग अवस्थित पूर्व सांसद का घर बंद रहता है. मानवता के नाते घी, मधु आदि की फेरी करने वाले कुछ गरीब मजदूर किस्म के लोगों को रात में बरामदे पर सोने की अनुमति दी थी. उनके वहां ठहरने से कुछ गलत लोगों को परेशानी हो रही थी. उन्हीं लोगों ने पुलिस को गलत सूचना देकर उन गरीब फेरी वालों को पकड़वाया. वे कोई गलत काम नहीं कर रहे थे. पूछताछ में निर्दोष पाकर पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया. मानवता के आधार पर किसी जरूरतमंद की मदद करना कोई गुनाह नहीं है.